शिमला, 01 सितंबर : सरकार द्वारा पदोन्नत करके 845 प्रवक्ताओं के आदेश हाल ही में जारी किए परंतु शिमला के दूरदराज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पीरन के लिए किसी भी प्रवक्ता के आदेश नहीं किए गए। जिसके चलते लोगों ने सरकार के प्रति बहुत नाराजगी जाहिर की है। सरकार द्वारा इस स्कूल में किसी प्रवक्ता के आदेश जारी न करने पर लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। जिसका लोग एक वर्ष से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
बता दें कि इस स्कूल में कला संकाय के चार विषय में से दो विषय के प्रवक्ताओं के पद बीते एक वर्ष से रिक्त चल रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हांलाकि प्रधानाचार्य द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जानकारी के मुताबिक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पीरन में विभिन्न श्रेणियों के सात पद बीते एक वर्ष से रिक्त पड़े हैं। जिनमें दो पद प्रवक्ता, एक पद टीजीटी आर्टस, पीईटी, दो पद लिपिक वर्गीय और एक पद जेओए आईटी के पद रिक्त चल रहे हैं। जिस कारण स्कूल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिससे अभिभावकों में विभाग के प्रति रोष व्याप्त है।
एसएमसी प्रधान चंचल वर्मा, हंसराज, रीना मेहता, वीना देवी, नीरज ठाकुर, इंद्र सिंह, रोशन लाल, संदेश कुमार, तुलसीराम सहित क्षेत्र के लोगों ने सरकार से मांग की है कि पीरन पाठशाला में अध्यापकों के रिक्त पदों शीघ्र भरा जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इन्होंने विभाग पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया गया है। इनका कहना है कि 845 प्रवक्तओं में से एक प्रवक्ता का पद भी पीरन स्कूल में नहीं भरा गया है जोकि दूरदराज क्षेत्र के स्कूल के साथ पक्षपात है।
बताया जा रहा है कि इस स्कूल को अपग्रेड हुए 15 वर्ष हो चुके हैं परंतु आजतक आर्टस के अलावा वाणिज्य अथव साईंस विषय भी आरंभ नहीं किए गए है जिसके चलते बच्चों को विज्ञान व वाणिज्य विषय की पढ़ाई करने के लिए शिमला अथवा सोलन जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि स्कूल के रिक्त पदों को भरने के बारे में अनेको बार सरकार व विभाग को लिखा जा चुका है परंतु किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।
उप निदेशक शिक्षा अशोक शर्मा ने बताया कि प्रवक्ताओं के पदों को भरने का निदेशालय के पास विशेष अधिकार है। बताया कि उनके द्वारा कि रिक्त पदों का ब्यौरा हर माह निदेशालय को भेजा जाता है।