हिमाचल को 2167.72 करोड़ की बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं को मंजूरी

himachal gets flood protection projects worth rs 2167 72 crore

केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा हिमाचल प्रदेश में लगभग 2167.72 करोड़ रुपए की लागत से 5 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं को मंजूरी मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत की…

ऊना: केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा हिमाचल प्रदेश में लगभग 2167.72 करोड़ रुपए की लागत से 5 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं को मंजूरी मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण एवं बहुउद्देश्यीय परियोजना सलाहकार समिति की 150वीं बैठक के बाद सुकेती खड्ड, स्वां नदी एवं सीर खड्ड में बाढ़ संरक्षण परियोजनाओं सहित फिना सिंह बहुउद्देश्यीय परियोजना तथा अन्य विभिन्न खड्डों के लिए बाढ़ संरक्षण परियोजना को मंजूरी दी गई है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान हर साल जामाल का नुक्सान होता है, जिसे लेकर उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के समक्ष हिमाचल में बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं की मांग प्रमुखता से रखी थी। जल शक्ति मंत्री ने 2167.72 करोड़ रुपए की लागत से हिमाचल में 5 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें से 3 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाएं हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लिए मंजूर की गई हैं।

ऊना में बाढ़ सुरक्षा के लिए परियोजना
इसी तरह ऊना जिले की अम्ब तहसील में स्वां नदी और सहायक नदियों के लिए बाढ़ सुरक्षा उपाय प्रदान करने की परियोजना से 14,000 से अधिक लोगों को लाभ होगा और 510 हैक्टेयर क्षेत्र संरक्षित होगा। परियोजनाओं पर 339.25 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

कांगड़ा में होंगे भूमि कटाव रोकने के उपाय
कांगड़ा जिले में 504.07 करोड़ रुपए की लागत से भूमि कटाव रोकने के उपाय किए जाएंगे तथा इससे 23000 से अधिक लोगों को लाभ होगा और 811 हैक्टेयर क्षेत्र संरक्षित होगा।

सीर खड्ड बाढ़ सुरक्षा उपायों पर 195.49 करोड़ खर्च होंग
सीर खड्ड पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों पर 195.49 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इसे बिलासपुर जिले के घुमारवीं तहसील के तलवारा गांव से बालघाट तक किया जाएगा। इस परियोजना से 14,000 से अधिक लोग लाभान्वित होंगे और 179 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र संरक्षित होगा।