हिमाचल सरकार लगातार प्रदेश के कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है।एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री व उनके मंत्री बड़ी बड़ी डींगे हांक रहे हैं वही धरातल पर सब शून्य है । जिसका ताज़ा उदाहरण हिमाचल परिवहन निगम (hrtc) से सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा जो लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं
परन्तु उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है इस लिए सेवानिवृत्त कर्मचारी शिमला में आठ जून को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा परन्तु बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ सरकार के इशारे पर पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया धक्का मुक्की की व उनके खिलाफ मकद्दमे भी दर्ज किए ।सरकार एवं मुख्यमंत्री के लिए बड़ी शर्म की बात है
की बुज़ुर्ग सेवानिवृत्त कर्मचारियों जिनकी उम्र साठ सत्तर साल है उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया गया जो केवल अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं जो 2015 से महंगई भत्ता का 46 फीसद बकाया राशि, आयु आधारित भत्ता छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाने , उच्च न्यायलाय के नियमों पर अमल करने एवं मेडिकल बिलों का भुगतान करने बारा है।
यदि सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनका हक नही दे सकती तो उसे किसी भी प्रकार घोषणा को अमल में लाने बारा बात बेमानी है।आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका भुकतान करना पड़ेगा।