हिमाचल सरकार ने रोका विधायक निधि योजना का पैसा, विकास पर लगाया ग्रहण

हिमाचल प्रदेश में विधायक निधि योजना का पैसा रोककर कांग्रेस सरकार ने सूबे के विकास पर ग्रहण लगा दिया है। इससे विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य, सड़कों का निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण और आधारभूत विकास कार्य रुक गया है। ये बात मंगलवार को भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं विधायक राकेश जम्वाल ने सुंदरनगर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कही।

प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू पर आरोप लगाते हुए राकेश जम्वाल ने कहा कि पूर्व की जयराम ठाकुर की सरकार ने वित्तीय वर्ष 22-23 में इस राशि को 1.80 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ कर दिया गया था।इसकी तीन किश्ते विधानसभा क्षेत्रों में योजना विभाग के माध्यम से पहुंच गई थी। लेकिन आखिरी किश्त अभी तक सुक्खू सरकार दे नहीं पाई है, जिसे 31 मार्च से पहले खर्च किया जाना था।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहते है कि हिमाचल प्रदेश श्रीलंका की तरह भुखमरी के कगार पर है। लेकिन हिमाचल जैसे छोटे राज्य में उप मुख्यमंत्री और 6 सीपीएस बनाकर प्रदेश की जनता पर वित्तीय बोझ बढ़ा दिया है। मीडिया एडवाइजर, आईटी एडवाइजर ,पॉलीटिकल एडवाइजर और वाइस चेयरमैन हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड को कैबिनेट रैंक देकर भी कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर वित्तीय बोझ बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 620 से अधिक सरकारी संस्थानों पर तालाबंदी कर कांग्रेस सरकार ने इतिहास रच दिया है। भाजपा सरकार में 2017 से 2022 शिखर की ओर हिमाचल अग्रसर था पर कांग्रेस सरकार में 2022 के बाद श्रीलंका की ओर हिमाचल बढ़ रहा है। इस प्रकार की हिमाचल की छवि पूरे देश में बनकर उभर रही है।