हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान के स्थानांतरण आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई है। चौहान को अब जिला चंबा के चांजू स्कूल में जाना होगा। चौहान के स्थानांतरण आदेश को प्रदेश हाईकोर्ट ने उचित ठहराया है। इसी कड़ी में मंगलवार को चौहान को शिमला स्थित रझाणा स्कूल से उच्च शिक्षा निदेशालय ने पदभार मुक्त भी कर दिया है।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने कहा की याचिकाकर्ता वर्ष 2008 से शिमला के आसपास ही नौकरी कर रहा है। इस स्थिति में स्थानांतरण आदेशों को यह कहकर चुनौती नहीं दे सकता कि उसका स्थानांतरण राजनीतिक द्वेष के कारण हुआ है।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि उसे जहां स्थानांतरित किया गया है, वहां अर्थशास्त्र विषय का कोई भी छात्र नहीं है। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि शिक्षक न होने के कारण कोई भी छात्र अर्थशास्त्र विषय में प्रवेश नहीं ले रहा है। छात्रों के भविष्य को देखते हुए याचिकाकर्ता का तबादला जनहित में किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व संशोधित वेतनमान की मांग को लेकर प्रदेश के 52 कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का गठन किया था। वीरेंद्र चौहान को मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिमला में हुए प्रदर्शन में भी वीरेंद्र चौहान शामिल हुए थे।