प्रदेश में नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस(NPA) बंद होने के बाद सूबे के डॉक्टर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए है। डॉक्टरों की सोमवार को 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक शुरू हो गई है। इसको लेकर श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक व जिला के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों ने 9 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 30 मिनट तक 2 घंटे कार्य नहीं किया।
इस दौरान सभी अस्पतालों में आपतकालीन सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर व लेबर रूम अपनी सेवाएं मरीजों को देते रहे। वहीं सरकार के इस फरमान के खिलाफ काले बिल्ले भी लगाए गए। प्रशिक्षु और मेडिकल कॉलेज नेरचौक में तैनात डॉक्टरों द्वारा कॉलेज परिसर में इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द एनपीए बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया।
जानकारी देते हुए श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रशिक्षु डॉक्टर एवं मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपांशु जसवाल ने कहा कि प्रदेश के प्रशिक्षु डॉक्टर एनपीए बंद करने के आदेश का विरोध करते हैं। डॉक्टरों को एनपीए देने से प्राईवेट प्रैक्टिस करने से रोका जाता था और इसके बंद होने से सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द एनपीए बहाल नहीं करती है तो प्रदेश के डॉक्टर अपने आंदोलन को और अधिक उग्र करेंगे।
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ. विकास ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कर्मचारियों और लोगों के बारे में सोचते हैं। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री को अफसरशाही गुमराह कर रही है। इस कारण डॉक्टरों को प्रभावित करने वाली नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की मांगों को लेकर प्रदेश में एक संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। मामले को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ भी बैठक की गई है। लेकिन अभी तक आदेश को वापस नहीं लिया गया है। विकास ठाकुर ने कहा कि अगर यह फैसला सरकार द्वारा वापस नहीं लिया जाता है तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश प्रेस सेक्रेटरी डॉ. विजय राय ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों का एनपीए बंद करने का आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है। इस फैसले को वापस लेने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के साथ भी बैठक कर आगामी रूपरेखा से अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जारी डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से सुचारू रूप से कार्य कर रही है। विजय राय ने प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द मामले का समाधान निकालने की अपील की है।
मेडिकल कॉलेज टीचर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी कुमार ने कहा कि नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस के माध्यम से ही हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। एनपीए बंद करने से इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एमपी के मामले को लेकर सरकार से समाधान निकालने की उन्हें पूरी उम्मीद है।