हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दो मार्च से मिड-डे मील पकेगा। नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के सवा पांच लाख विद्यार्थियों को गर्म भोजन देने की प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने तैयारी शुरू कर दी है। मिड-डे मील बनाने वाले वर्करों के लिए भी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। चूड़ियां, अंगुठी पहनकर भोजन नहीं बनाया जाएगा। दस्ताने पहनना जरूरी रहेगा। स्कूलों में विद्यार्थियों को उचित दूरी में बैठाकर भोजन परोसा जाएगा।
कोरोना संकट के चलते प्रदेश में मार्च 2020 से स्कूलों में मिड-डे मील नहीं बनाया जा रहा है। इस दौरान विद्यार्थियों को सूखा राशन ही उपलब्ध करवाया गया है। अब कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए नियमित स्कूलों को खोलने पर सरकार ने मिड-डे मील की व्यवस्था को भी दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है। फरवरी में स्कूल खोलने के फैसले की समीक्षा की जाएगी।
कोरोना संक्रमण के मामले अगर काबू में ही रहे तो दो मार्च से मिड-डे मील बनाना शुरू कर दिया जाएगा। पहली मार्च को महाशिवरात्रि की छुट्टी है। ऐसे में दो मार्च से प्रदेश में नई व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। स्कूलों में भोजन पकाने के लिए सभी मिड-डे मील वर्करों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवा दी गई है। इसके अलावा इनके लिए दिशा निर्देश भी तय किए जा रहे हैं। नेल पालिश लगाकर महिला वर्कर भोजन नहीं बना सकेंगी।
बालों को भी ढक कर रखना होगा। फेस मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा। भोजन बनाने वाले स्थानों पर सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। प्रधान सचिव शिक्षा रजनीश ने बताया कि जल्द ही मिड-डे मील को शुरू करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।