हिमाचल : फुटबॉल के हब में तैयार हो रही खिलाड़ियों की नई पौध

 अपने लिए तो सब सोचते हैं लेकिन दूसरों के भविष्य को संवारने की दिशा में कदम उठाने वाले विरले ही पैदा होते हैं। यही मिसाल पेश कर रहा है हरोली उपमंडल का खड्ड यूनाइटेड फुटबॉल क्लब। क्लब ने खिलाड़ियों की नई पौध तैयार करने के लिए विशेष योजना के तहत अभियान को शुरू किया है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मोबाइल व टेलीविजन के साथ-साथ नशे की चपेट में चल रहे बच्चों को शारीरिक दक्षता की तरफ मोड़ने के लिए घरों से निकालकर मैदान तक पहुंचाया जा रहा है।

ढाई वर्ष से लेकर 17 साल आयु वर्ग तक के बच्चों को मैदान में लाने के लिए विशेष रूप से काम कर रहे खड्ड यूनाइटेड फुटबॉल क्लब के पदाधिकारियों में सुमित दत्ता और अनिल दत्ता का कहना है कि विद्यार्थी जीवन में खेल का विशेष महत्व रहता है और वर्तमान में खेल के बिना बच्चों का सर्वांगीण विकास होना संभव ही नहीं है। लेकिन आजकल बच्चे मैदान में आने की बजाय मोबाइल और टेलीविजन के सामने ज्यादा समय बर्बाद कर रहे हैं जिससे न केवल उनकी शारीरिक क्षमता प्रभावित हो रही है बल्कि वह कई बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों को ऐसे ही रोगों से बचाने के लिए क्लब द्वारा विशेष अभियान शुरू किया गया और यह अभियान रंग लाते भी नजर आता है। इस अभियान के तहत करीब 100 बच्चों को मैदान तक पहुंचाने में सफलता हासिल की गई है। यह बच्चे रोजाना शाम को 5 से 7:30 तक मैदान में पहुंचते हैं। ढाई वर्ष से लेकर 17 साल आयु वर्ग तक के सभी बच्चों को संबंधित आयु वर्ग के तहत ही ट्रेनिंग दी जाती है। इतना ही नहीं क्लब द्वारा इन बच्चों की शारीरिक क्षमता को जांचने के लिए उनकी रक्त जांच भी करवाई जा रही है, ताकि उनकी दक्षता के अनुसार उन्हें खेल का भार दिया जा सके।

उन्होंने कहा कि खेले ना केवल बच्चों के सर्वांगीण विकास का एक सशक्त माध्यम है अपितु बच्चों को नशे से दूर रखने में खेल गतिविधियों की महत्ता किसी से छुपी नहीं है। सुमित दत्ता ने कहा कि हर गांव में इस तरह के क्लबों का निर्माण करते हुए बच्चों को मोबाइल और टेलीविजन आदि की गिरफ्त से आजाद करवा मैदान तक लाने का प्रयास करना चाहिए।

वहीं जिला फुटबॉल संघ के महासचिव बहादुर सिंह लक्की का कहना है कि खड्ड यूनाइटेड फुटबॉल क्लब द्वारा खेल के लिए खिलाड़ियों की नई पौध तैयार करने का अभियान बेहद सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि स्कूल की गतिविधियों के अतिरिक्त बच्चों की मैदान में उपस्थिति शून्य होती जा रही है और यह उनके भविष्य के लिए भी काफी खतरनाक है।

उन्होंने कहा कि खड्ड यूनाइटेड फुटबॉल क्लब के प्रयासों के कारण ही 100 से ज्यादा बच्चे मैदान तक पहुंच रहे हैं। यदि इसी छोटी उम्र में बच्चों को इस खेल का ज्ञान देने का प्रयास किया जाए तभी यह बच्चे आगे चलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं।