Himachal News: क्रैश बैरियर लगाने के लिए स्टाइल अमेरिका का अपनाया, मरम्मत की बारी आई तो हाथ खड़े

हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाइवे और कई अन्य सड़कों में न्यू जर्सी टाइप के क्रैश बैरियर लगाने शुरू किए गए हैं। लेकिन अब इनका रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है।

Centre letter to himachal government regarding maintenance of crash barriers in state

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हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों ने सड़कों के किनारे अमेरिका स्टाइल के क्रैश बैरियर तो लगा दिए गए, मगर इनकी मरम्मत और रखरखाव का कोई ध्यान नहीं रखा। यह बात केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से हिमाचल सरकार को जारी की गई एक चिट्ठी में उजागर हुई है। यही पत्र कई अन्य राज्यों को भी भेजा गया है। इस चिट्ठी में नेशनल हाईवे और केंद्र सरकार से वित्तपोषित कई अन्य योजनाओं में अमेरिका के न्यूजर्सी स्टाइल के क्रैश बैरियर लगाने और इनकी विदेशी तकनीक के हिसाब से ही ठीक से रखरखाव और मरम्मत ठीक से न करने की बात उजागर की है।

यह पत्र महानिदेशक सड़क विकास के हवाले से नई तकनीक एवं हाईवे विकास निदेशक विदुर कांत झा ने भेजा है। केंद्रीय मंत्रालय के भेजे इस इस पत्र का आशय यह है कि तकनीक का इस्तेमाल जरूर करें, मगर तकनीकी के हिसाब से रखरखाव और मरम्मत कार्य भी होने चाहिए। सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाइवे और कई अन्य सड़कों में न्यू जर्सी टाइप के क्रैश बैरियर लगाने शुरू किए गए हैं। ऐसा हिमाचल प्रदेश सहित कई अन्य राज्य कर रहे हैं।

यह क्रैश बैरियर रेडिमेड किस्म के होते हैं। इन क्रैश बैरियर को लगाने का मकसद यह है कि इनसे दुर्घटनाओं को किसी तरह से रोका जा सके। सड़कों से बाहर गाड़ियां न जाएं और दुर्घटना न हो। इसी मकसद से सभी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने का बीड़ा उठाया गया है। इसी के तहत अमेरिका के न्यूजर्सी में लगाए गए क्रैश बैरियरों की तर्ज पर कम लागत से इन्हें लगाने का बीड़ा उठाया गया है, लेकिन अब इनका रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल हाइवे और अन्य सड़क निर्माण के समय सुरक्षा उपाय अपनाने की भी केंद्र सरकार ने सख्ती की है और इस संबंध में भी हिमाचल सरकार को पत्र भेजा है। इसमें बड़े राज्यों के कार्यों को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसी तरह से सड़कों के किनारे लगाए जाने वाले क्रैश बैरियर को भी सही तरीके से लगाने और उनके रखरखाव व मरम्मत की यह बात केंद्र सरकार ने की है। इस संबंध में भी पत्र मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों को भेजा गया है।