हिमाचल में अब एक मकान में रहने वाले कई लोगों को एक बिजली मीटर से ही कनेक्शन दिए जा सकते हैं। राज्य के विद्युत नियामक आयोग ने सोलर रूफ टॉप प्लांट के साथ लगे बिजली मीटरों के लिए विशेष तौर पर यह व्यवस्था की है। सोलर रूफ टॉप में ग्रुप मीटरिंग की नई व्यवस्था को मंजूरी भी मिली गई है।
प्रदेश के उद्योगपतियों को भी एक और रियायत दी गई है, जिसके तहत उद्योगपति अपने यहां सोलर रूफ टॉप प्लांट से उत्पन्न सरप्लस बिजली को बेच सकेंगे। सोलर रूफ टॉप लगाने पर अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि उद्योग सरप्लस बिजली को बेच सकें। उनके पास अपने इस्तेमाल के बाद काफी बिजली बच जाती है। ऐसे में वे सरप्लस बिजली बेचकर मुनाफा कमा सकेंगे।
रूफ टॉप के तहत ग्रुप मीटरिंग नई व्यवस्था
विद्युत नियामक आयोग ने सोलर रूफ टॉप स्कीम के तहत ग्रुप मीटरिंग की जो व्यवस्था की है, उससे सबसे अधिक फायदा फ्लैट लेने वाले लोगों को होगा। एक ही बिल्डिंग में कई फ्लैट होते हैं। इनके मालिकों को यह सुविधा दी गई है। वह भवन की छत पर उच्च क्षमता का सोलर रूफ टॉप प्लांट मिलकर लगवा सकेंगे। उससे उत्पादित बिजली का सभी लोग अब इस्तेमाल कर पाएंगे। सभी लोगों के लिए ग्रुप मीटर लगेगा। अपने हिसाब से वह एक दूसरे में बिजली को बांट सकते हैं। यदि उनके पास भी सरप्लस बिजली हो तो उसे बेचा जा सकता है।
प्रदेश के लोगों का रूफ टॉफ के प्रति बढ़ रहा रुझान
प्रदेश में सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाने की योजना कारगर साबित हो रही है। लोगों का इसके प्रति काफी रुझान बढ़ा है। सरकार इसमें विशेष रियायत दे रही है। यह रियायतें उद्योगों को भी दी जा रही है, जिसके बाद उद्योगों ने भी अपने यहां पर सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाने में रूचि दिखाई है। सरप्लस बिजली पर उद्योगों को लगभग 75 पैसे प्रति यूनिट से लेकर ढाई रुपए प्रति यूनिट तक पैसा मिल सकता है। इनकी उत्पादित बिजली को राज्य बिजली बोर्ड को खरीदना होगा, जिसका नियामक आयोग ने पहले ही दायित्व उठा रखा है।