सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत लोगों को वृद्धावस्था, विधवा और अपंगता पेंशन मिलती है। पेंशन लेने वाले सैकड़ों लाभार्थियों के खुद के खाते नहीं हैं। पत्नी या पति के साथ ज्वाइंट खाते हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत अब लाभार्थियों के ज्वाइंट बैंक खाते में सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं आएगी। इसके लिए अब पेंशन धारक लाभार्थी का स्वयं का अलग से खाता होना अनिवार्य कर दिया गया है। जिन लाभार्थियों के ज्वाइंट खाते में सामाजिक सुरक्षा पेंशन आती है, उन्हें तहसील कल्याण अधिकारी या जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में अलग खाता नंबर दर्ज करवाना होगा। इसके बाद लाभार्थी के स्वयं के अलग खाते में पेंशन की राशि आएगी। आगामी पेंशन राशि लाभार्थियों के स्वयं के अलग खाते में ही आएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत लोगों को वृद्धावस्था, विधवा और अपंगता पेंशन मिलती है। पेंशन लेने वाले सैकड़ों लाभार्थियों के खुद के खाते नहीं हैं। पत्नी या पति के साथ ज्वाइंट खाते हैं। पहले तो इस ज्वाइंट खाते में उस लाभार्थी की या दोनों पति-पत्नी की पेंशन आती रही है, लेकिन अब पति का अलग और पत्नी का अलग बैंक खाता अनिवार्य है। वृद्धावस्था पेंशन के मामले में ऐसा अधिक है। पात्र वृद्ध दंपतियों के ज्वाइंट खाते हैं।
उन्हें उनमें ही पेंशन आती है, लेकिन अब उन्हें अलग-अलग खाते जमा करवाने होंगे। जिला हमीरपुर में वर्तमान में 27,149 सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी हैं। इनमें सैकड़ों ऐसे हैं, जिनके ज्वाइंट खाते हैं। उधर, जिला कल्याण अधिकारी उर्मिल पटियाल ने कहा कि ज्वाइंट खाते के बजाय अब स्वयं के व्यक्तिगत खाते में पेंशन आएगी। लाभार्थी अपना व्यक्तिगत खाता तहसील कल्याण अधिकारी या जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाएं।