शिमला की जिला अदालत ने अवैध शराब मामले में आरोपी को बरी कर दिया.
शिमला. बीयर किसी और ब्रेंड की पकड़ी और कोर्ट में किसी और ब्रैंड की पेश की. पुलिस की लापरवाही की वजह से आरोपी को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया. साथ ही फटकार भी लगाई. मामला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का है. शिमला की जिला अदालत ने अवैध शराब मामले में आरोपी को बरी कर दिया.
दरअसल, पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही की वजह से किरकिरी भी हुई है. हुआ यूं कि पुलिस ने आरोपी से जिंगारो बीयर की 24 बोतलें पकड़ी थीं, लेकिन सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट के समक्ष थंडरबोल्ट बीयर की बोतलें पेश कर दीं. विशेष जज बहादुर सिंह ने पुलिस की इस मनघड़ंत कहानी पर आरोपी को दोष मुक्त कर दिया.
29 जनवरी 2017 को ठियोग पुलिस चोरी के मामले की जांच के लिए छैला गई थी. इस दौरान स्थानीय निवासी राज कुमार के घर की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान पुलिस ने 24 बोतलें जिंगारो बीयर, सात बोतलें देसी शराब और छह बोतलें रम और 185 ग्राम चरस बरामद की. आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज किया गया. जांच पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश-1 की अदालत में आरोपी के खिलाफ ट्रायल चला तो पुलिस ने 21 बोतलें बीयर बोतलें कोर्ट में पेश की. इनमें से 15 थंडरबोल्ट बीयर की थीं. अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार अदालत में पेश बीयर की बोतलें जब्त की गई बीयर से अलग हैं.
रम की बोतलें भी कम
इसी तरह रम की एक बोतल कम और देसी शराब की एक बोतल ज्यादा पेश की गई. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि जब्त की शराब कैसे बदल गई. कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने आरोपी के घर में घुसने से पहले अपनी व्यक्तिगत तलाशी भी नहीं की. हालांकि, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में 35 पुलिस वाले घटना स्थल पर मौजूद थे. अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है.