Himachal Pradesh Chunav : भाजपा को 36 घंटे के भीतर क्यों बदलना पड़ा चंबा से उम्मीदवार? किसके हाथ लगा टिकट

बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की चंबा विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार को बदल दिया है। अब इंदिरा कपूर की जगह मौजूदा विधायक पवन नैयर की पत्नी नीलम नैयर वहां से चुनाव लड़ेंगी। बीजेपी ने बुधवार को ही हिमाचल की सभी 68 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित किए थे लेकिन गुरुवार रात होते-होते उसे चंबा से अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा।

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बुधवार को घोषित हुआ उम्मीदवार गुरुवार रात को बदला गया

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश की सभी 68 सीटों के लिए उम्मीदवारों की एक साथ लिस्ट जारी करने वाली बीजेपी को 36 घंटे के भीतर ही अपना एक उम्मीदवार बदलना पड़ा। बीजेपी ने चंबा विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवार इंदिरा कपूर को बदल दिया है। उनकी जगह पर मौजूदा विधायक पवन नैयर की पत्नी नीलम नैयर को टिकट थमाया है।
बीजेपी ने बुधवार को ही हिमाचल की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। फिर ऐसा क्या हुआ कि गुरुवार को रात होते-होते उसे एक उम्मीदवार को बदलना पड़ा? इसकी दो वजहें सामने आ रही हैं। पहली वजह कि मौजूदा विधायक के बगावत का डर और दूसरी ये कि जिन इंदिरा कपूर को उम्मीदवार बनाया गया था, उन्हें करप्शन के आरोप में कोर्ट से सजा मिल चुकी है। हालांकि, हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है और मामला अभी वहां लंबित है।
दरअसल, बीजेपी को इस सीट पर अपने मौजूदा विधायक पवन नैयर की बगावत का डर सता रहा था। पिछली बार वह बहुत कड़े मुकाबले में कम वोटों के अंतर से जीते थे। टिकट कटने से वह नाराज थे। उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई थी। बीजेपी ने स्थानीय स्तर पर विधायकों से लोगों में नाराजगी को भांपते हुए कुछ मौजूदा विधायकों का टिकट काटा था। नैयर की पत्नी नीलम भी राजनीति में सक्रिय रही हैं इसलिए वह अपना टिकट कटने की सूरत में पत्नी को टिकट मिलने की उम्मीद कर रहे थे। दूसरी तरफ, उम्मीदवार घोषित की गईं इंदिरा कपूर के दागी अतीत का मामला तूल पकड़ने पर बीजेपी की मुश्किल बढ़ गई। आखिरकार गुरुवार रात को बीजेपी ने चंबा से अपना उम्मीदवार बदल दिया। इंदिरा कपूर की जगह नीलम नैयर को नया उम्मीदवार घोषित किया गया।
इंदिरा कपूर का दागदार अतीत उनके लिए महंगा पड़ा। टिकट मिलने के बाद उन्हें बेटिकट होना पड़ा। दरअसल, कपूर जब जिला पंचायत सदस्य थीं तब उन्हें सरकारी फंड में गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया था। चंपा की एक विशेष अदालत ने पिछले साल अगस्त में उन्हें दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। हालांकि, हिमाचल हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है। मामला अब हाई कोर्ट में है। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।