हिमाचल प्रदेश: पंडित सुखराम के पोते और अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस छोड़ी

आश्रय ने कहा कि पूरे क्षेत्र का दौरा करूंगा। सुखराम के समर्थकों को एकत्र करूंगा। मुख्यमंत्री जयराम के कार्यकाल में अभूतपूर्व विकास हुआ है। मंडी से सीएम की कुर्सी कभी गवाने नहीं दूंगा।

प्रेस वार्ता करते आश्रय शर्मा।
प्रेस वार्ता करते आश्रय शर्मा।

पंडित सुखराम के पोते और भाजपा विधायक अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने हिमाचल कांग्रेस कमेटी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया है। आश्रय के पास कांग्रेस के प्रदेश महासचिव, सोशल मीडिया चेयरमैन और हमीरपुर जिला प्रभारी का कार्यभार था। आश्रय ने मंडी में प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस में बिताया समय कभी नहीं भूलूंगा। हर पदाधिकारी और कार्यकर्ता का प्यार मिला। 2019 में चुनाव लड़ा। यह मेरे दादा पंडित सुखराम की इच्छा थी।

उन्होंने कहा कि वो कहते थे कि मेरी अंतिम इच्छा है कि मैं कांग्रेस पार्टी में रहते हुए ही प्राण त्यागूं। 2019 में कौल सिंह और प्रतिभा सिंह ने चुनाव से किनारा कर लिया। आलाकमान के कहने पर मेरे दादा ने अपनी इच्छा अनुसार वीरभद्र सिंह से सुलह कर मुझे चुनाव में उतारा। नामांकन के जब दो दिन रह गए तो संदेश आया की पूर्व सीएम वीरभद्र की कुछ शर्ते हैं जिन्हें भी पूरा किया। उसके बाद उन्होंने प्रचार भी किया।

आश्रय शर्मा ने कहा कि लेकिन वो जनसभाओं में यह कहते रहे कि सुखराम को कभी माफ नहीं करूंगा। मैं उन्हे दोष नहीं देता। उस वक्त पता नहीं उनकी क्या मजबूरी रही होगी। अगर विक्रमादित्य उस समय मेरी जगह लड़ते तो हमारा परिवार कभी ऐसा ना करता। कौल सिंह कहते हैं की मैं बड़े मार्जिन से हारा। मैं पूछना चाहता हूं कि उस समय द्रंग से कितने वोट मिले। कौल पहले जनसभा करवाते और बाद में बोलते-फेरा दो। प्रकाश चौधरी ने भी ऐसा ही किया। अगर उस समय कांग्रेस एकजुटता से चुनाव लड़ती तो शर्त लगा कर कहता हूं हम नहीं हारते।

उन्होंने कहा कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पार्टी फंड को लेकर बात हो रही थी। मैं नहीं जानता की सच क्या है। लेकिन इसकी कड़ी निंदा करता हूं। मीडिया में दिए इंटरव्यू में प्रतिभा सिंह ने अपनी ही पार्टी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका और राहुल को इमेच्योर बताया। जिनको सब मिला वो कांग्रेस पर छींटाकशी कर रहे हैं। जबकि इतना कुछ होने के बावजूद मेरे दादा ने कभी कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोला।

उन्होंने कहा कि आजकल विक्रमादित्य गाना गा रहे कि चंबा कितनी दूर। उन्हें अब चंबा जाने से कुछ नहीं मिलेगा। क्योंकि उनकी किचन कैबिनेट की मुख्य कड़ी अब भाजपा में है। वे संगीन आरोप लगाकर गए हैं। उसकी जांच होनी चाहिए। जो भी कांग्रेस की 10 गारंटियों में शामिल किया है वो पूरा होने वाला नहीं। जब पंडित सुखराम का निधन हुआ। सोनिया और राहुल गांधी ने फोन कर दुख जताया। मुख्यमंत्री जय राम चार बार आए।

आश्रय शर्मा बोले कि इलाज के लिए हेलिकॉप्टर उपलब्ध करवाया। लेकिन मेरी पार्टी के हिमाचल के बड़े नेताओं के पास समय नहीं था। मैं जयराम का हमेशा ऋणी रहूंगा। जो गांधी भवन से मेरे दादा पंडित सुखराम के पोस्टर फाड़े उससे बड़ा आहत हूं। पूरे क्षेत्र का दौरा करूंगा। सुखराम के समर्थकों को एकत्र करूंगा। मुख्यमंत्री जयराम के कार्यकाल में अभूतपूर्व विकास हुआ है। मंडी से सीएम की कुर्सी कभी गवाने नहीं दूंगा। भाजपा में जाने का कोई विचार नहीं।