एचआरटीसी की प्रतिदिन की कमाई दो करोड़ रुपये है, जबकि खर्चा चार करोड़ रुपये हो जाता है। हालत यह है कि प्रतिदिन कर्मचारियों की तनख्वाह, पेंशन, टीए, डीए, चिकित्सा बिल, डीजल व अन्य खर्चे पूरे करने के लिए हर माह निगम सरकार से करीब 62 करोड़ रुपये कर्जा ले रहा है।
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की प्रतिदिन की कमाई दो करोड़ रुपये है, जबकि खर्चा चार करोड़ रुपये हो जाता है। हालत यह है कि प्रतिदिन कर्मचारियों की तनख्वाह, पेंशन, टीए, डीए, चिकित्सा बिल, डीजल व अन्य खर्चे पूरे करने के लिए हर माह निगम सरकार से करीब 62 करोड़ रुपये कर्जा ले रहा है। निगम के 90 फीसदी रूट घाटे में चल रहे हैं। पांच फीसदी रूट ही फायदे में हैं, जबकि पांच फीसदी रूटों पर निगम को न लाभ हो रहा न हानि। कोरोना महामारी के बाद से तो परिवहन निगम की वित्तीय स्थिति पटरी पर लौटी ही नहीं।