उपायुक्त सोलन केसी चमन ने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए हैं कि सोलन जिला में 30 जून, 2020 तक पारम्परिक जल स्त्रोतों सहित सभी जलापूर्ति योजनाओं की सफाई सुनिश्चित बनाई जाए ताकि गर्मी एवं वर्षा ऋतु के दौरान होने वाले जल जनित रोगों को न्यून किया जा सके। उपायुक्त आज यहां डेंगू, पीलिया, स्क्रब टाईफस, आन्त्रशोथ (गेस्ट्रोएनट्राइटिस), अतिसार तथा हैजा जैसे विभिन्न जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए आयोजित जिला स्तरीय समन्वय समिति की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
केसी चमन ने कहा कि पारम्परिक जल स्त्रोतों के साथ-साथ विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं को समय पर साफ करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में लोगों को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह भी समझाया जाना चाहिए कि पारम्परिक जल स्त्रोत समुचित देखभाल एवं साफ-सफाई के साथ ही दीर्घावधि तक लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध करवा सकते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा जल शक्ति विभाग को इस दिशा में समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए सम्बन्धित उपमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियां गठित की जाएंगी। यह समिति अपने क्षेत्राधिकार में सभी ग्राम पंचायतों तथा शहरी निकायों में पेयजल स्त्रोतों तथा पेयजल टैंकों की स्वच्छता सुनिश्चित करेगी।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि पेयजल भंडारों एवं पारम्परिक जल स्त्रोतों की आवश्यकतानुसार एवं समबयबद्ध क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी पेयजल स्त्रोतों से समय-समय पर जल के नमूने एकत्र किए जाएं तथा पेयजल पीने योग्य न पाए जाने पर पेयजल स्त्रातों के निरीक्षण के लिए गठित समिति नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाए।
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर पेयजल स्त्रोतों की गुणवत्ता जांच के लिए रेंडम सैंपलिंग की जाए ताकि जलजनित रोगों से बचा जा सके और पेयजल को शुद्ध रखा जा सके। उन्होंने जिला की विभिन्न नगर परिषदों एवं नगर पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल भराव एवं ठहराव के स्थान पर फोगिंग की जाए तथा जल स्त्रोतों की क्लोरीनेशन की जाए। उन्होंने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि पंचायत स्तर पर भी ब्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाए।
उपायुक्त ने कहा कि सभी क्षेत्रों में ऐसे पेयजल स्त्रोतों के पास सूचना पट्ट लगाए जाएं जहां का जल पीने योग्य नहीं है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे केवल उन्हीं प्राकृतिक जल स्रोतों, बावड़ियों का पानी प्रयोग में लाएं जो सुरक्षित हैं। जिन बावड़ियों पर पानी न पीने के संबंध में चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं वहां का पानी प्रयोग में न लाएं।
उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि जन-जन को क्लोरीन की गोलियां उपलब्ध करवाएं। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जलजनित रोगों की दवा एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं। जिला स्तर पर समन्वय एवं फीडबैक के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए। जलजनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मी, स्वयंसेवी संस्थाएं, आशा कार्यकर्ता समन्वय स्थापित कर कार्य करें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. अजय सिंह ने विभिन्न रोगों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस मौसम में पेयजल को कम से कम 20 मिनट तक उबालकर ही प्रयोग में लाएं। उन्होंने लोगों से अपील की कि स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखें।
बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी रितिका, अतिरिक्त उपायुक्त विवेक चन्देल, सोलन, कण्डाघाट तथा अर्की के उपमण्डलाधिकारी, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
2020-06-16