2012 से टिकट के लिए इंतजार कर रहे सुभाष शर्मा के सब्र का बांध इस बार टूट गया है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सदर से चुनाव लड़ने का एलान किया है।
भाजपा से टिकट न मिलने पर बिलासपुर सदर से सुभाष शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। सुभाष शर्मा शुक्रवार को अपना नामांकन करेंगे। पार्टी से अनदेखी पर उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि वह चुनाव तो लड़ना चाहता है लेकिन उसके पास पैसे नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने अपना बैंक खाता नंबर भी शेयर किया। इसके बाद करीब 10 घंटे में 800 से ज्यादा लोगों ने उनके खाते में करीब चार लाख रुपये सहायता राशि चंदे के रूप में दी है।
भाजपा सदर से मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का टिकट काटकर पार्टी ने त्रिलोक जम्वाल को दे दिया है। ठाकुर ने भी यह कहकर मन शांत कर लिया हो कि संगठन का फैसला सर्वोपरि है। लेकिन 2012 से टिकट के लिए इंतजार कर रहे सुभाष शर्मा के सब्र का बांध इस बार टूट गया है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सदर से चुनाव लड़ने का एलान किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के जिले में उनकी ही सीट माने जाने वाली सदर विधानसभा से इस बार विरोध कड़ा होने वाला है।
एक तरफ मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर की टिकट कटने से कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। कार्यकर्ताओं ने तो यह तक कह दिया है कि अगर टिकट दिल्ली से आई है तो वोट भी दिल्ली से ही लाएं। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थी परिषद से निकले सुभाष शर्मा भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनते नजर आ रहे हैं।
सुभाष शर्मा वर्तमान में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य हैं। इससे पहले वह पार्टी में कई राज्यों के चुनाव प्रभारी का जिम्मा निभा चुके हैं। उन्होंने टिकट के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान, सुभाष ठाकुर, रूपलाल ठाकुर का नाम लेते हुए कहा था कि सदर से इन्हें भी टिकट दिया जा सकता था। अब इन्हें सोशल मीडिया पर सदर समेत पूरे जिले के सहानुभूति मिल रही है।