हिमाचल को Sextortion & Online Fraud में 7 दिन में एक करोड़ का चूना, 5 मामले…

सीधे सादे हिमाचलवासी जालसाजों के निशाने पर हैं। 2023 में 23 से 27 जनवरी तक जालसाजों (counterfeiters) ने तकरीबन एक करोड़ की ठगी कर डाली। शिमला साइबर थाना (Shimla Cyber Police Station) में एक सप्ताह में पांच मामले दर्ज किए गए। इसमें दो मामले  सेक्सट्राॅशन (Sextortion) से जुड़े हुए हैं, जबकि एक मामला मोबाइल टावर लगाने को लेकर है। इसके साथ ही एक मामला क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) केस से जुड़ा है। पांचवा मामला महिन्द्रा फाइनेंस कंपनी (Mahindra Finance Company) से लोन दिलवाने का है।

खास बात है कि साइबर पुलिस थाना में इन पांचों ही मामलों को आईपीसी की धारा 420, 120बी के अलावा आईटी एक्ट (IT Act) की धारा-66डी व 66ई में दर्ज किया गया है। 23 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सेक्सट्राॅशन की आड़ में 17 लाख, 54 हजार रुपए ठग लिए गए। इसी दिन दूसरे व्यक्ति से भी सेक्सट्राॅशन में 6 लाख 15 हजार रुपए की ठगी हुई। सेक्सट्राॅशन के चक्रव्यूह में पीड़ित को फंसाया जाता है।

व्हाटसएप या फिर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मैसेज शुरू होते हैं। ऐसा दिखाया जाता है कि मैसेज भेजने वाली खूबसूरत युवती या महिला है। मैसेज में बातचीत शुरू होने पर वीडियो काॅल के जरिए पीड़ित को अश्लीलता परोसी जाने लगती है। जैसे ही रिसीवर का वीडियो भी जुड़ जाता है, वैसे ही काॅलर का पहला मकसद पूरा हो जाता है। इसकी आड़ में ब्लैकमेलिंग शुरू होती है।

उधर, 23 जनवरी को ही एक व्यक्ति को मोबाइल टावर लगाने का झांसा देकर 36 लाख का चूना लगा दिया गया। इसी दिन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज की आड़ में 28 लाख 96 हजार की ठगी हुई।

27 जनवरी को पांचवा मामला दर्ज हुआ, इसमें महिंद्रा फाईनेंस कंपनी से लोन दिलवाने का झांसा देकर जालसाजों ने पीड़ित को 16,04,200 रुपए का चूना लगा दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि एक दिन में चार मामले दर्ज होना गंभीर मसला है। साइबर क्राइम से निपटने के लिए प्रदेश को पुख्ता इंतजाम की तरफ बढ़ना होगा।
पांच मामलों में पीड़ितों को 1,04,69,200 रुपए की चपत लगाई गई।

  खास बात ये भी है कि पहले बदमाशों द्वारा एटीएम लूटने व सेंधमारी इत्यादि की घटनाओं को अंजाम दिया जाता था, लेकिन ऐसी वारदातों में कटौती हुई है। लिहाजा, ये भी माना जा सकता है कि ऑनलाइन फ्राॅड से लोगों को ठगने का तरीका तलाशा गया है। ऑनलाइन फ्राॅड (Online Fraud) हजारों किलोमीटर दूर बैठकर करने पर बदमाशों को रिस्क का सामना भी नहीं करना पड़ता। मौके पर वारदात को अंजाम देना कई तरीकों से जोखिम भरा भी होता है।

उधर, पुलिस अधीक्षक सीआईडी (साइबर क्राइम) रोहित मालपानी  ने कहा कि पांचों ही मामलों में त्वरित कार्रवाई की गई है। प्रोफैशनल तरीके से जांच को आगे ब़ढ़ाया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जागरूकता को लेकर भी कार्यक्रम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों को भी चाहिए कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल पूरी सावधानी से करें।