दीपावली से पहले हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अपना मिजाज बदलना शुरू कर दिया है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण निचले इलाकों में पारा लुढ़कना शुरू हो गया है। बीते वीरवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ़बारी हुई है। मौसम में बदलाव के कारण अब लोगों ने शीतलहर से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
वीरवार को रोहतांग व लाहौल-स्पीति के ऊंचाई वाले रिहायशी इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई है। लाहौल घाटी के प्रवेश द्वार कोकसर समेत पर्यटन क्षेत्र के कई गांव में हल्की बर्फबारी के साथ बारिश भी हुई।
बर्फबारी के बाद दारचा-शिंकुला और दारचा-बारालाचा के बीच वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश के सभी भागों में आगामी पांच दिनों तक मौसम साफ रहेगा। राहत की बात यह है कि हिमाचल में दिवाली चमचमाती धूप के बीच मनाई जाएगी।
अक्तूबर माह में बर्फबारी का दौर शुरू होने से चुनाव आयोग की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही है। गौरतलब है कि हिमाचल में नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी होगा। लिहाजा, बर्फ़बारी हुई तो चुनाव आयोग की टीम को इलेक्शन करवाने में भी मुश्किलें आएगी। लाहौल-स्पीति विधानसभा क्षेत्र में सुचारू मतदान करवाने में चुनाव आयोग के सामने चुनौती पैदा हो सकती है।
उधर, सिरमौर व शिमला जिले की करीब 12 हजार फुट ऊंची चोटी व प्रदेश के प्रसिद्ध आराध्य देव शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार में इस सीजन का शुक्रवार को पहला हिमपात हुआ। बता दें कि चूड़धार की चोटी में गुरुवार सुबह चटक धूप खिली थी, मगर गुरुवार शाम अचानक मौसम ने करवट बदली व सीधा हिमपात शुरू हो गया। वहीं चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है।