हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारक उपभोक्ता हैं। इन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से सब्सिडी पर राशन दिया जा रहा है। चावल और गेहूं केंद्र सरकार दे रहा है।
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राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपो में अब हिमाचल का चावल भी मिलेगा। खाद्य आपूर्ति निगम हिमाचल के किसानों से धान की खरीद करेगा। मशीनों में थ्रेसिंग करने के बाद चावल को डिपो भेजा जाएगा। ऊना के टाहलीवाल से धान खरीद की शुरूआत की जा रही है। पांच अक्तूबर से इसकी प्रक्रिया शुरू होगी। अभी हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार सब्सिडी पर चावल उपलब्ध करा रही है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारक उपभोक्ता हैं। इन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से सब्सिडी पर राशन दिया जा रहा है। चावल और गेहूं केंद्र सरकार दे रहा है
उपभोक्ताओं को आटा देने के लिए प्रदेश सरकार गेहूं की पिसाई करवाती है। डिपो में मिलने वाली सस्ते दालें, नमक, तेल और चीनी प्रदेश सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है। हिमाचल में बीते साल से धान की खरीद की जा रही है। बाहरी राज्यों में हिमाचल के किसानों को धान के रेट ठीक नहीं मिल रहे थे, ऐसे में सरकार ने किसानों से धान खरीदने का फैसला लिया था। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग ने बताया कि किसानों से धान खरीदकर डिपो में उपभोक्ताओं को चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
एफसीआई बाहरी राज्यों से करती है धान की खरीद
भारतीय खाद्य आपूर्ति निगम ज्यादातर पंजाब, बिहार से धान की खरीद करता है। इसके बाद इसकी थ्रेसिंग की जाती है। इसके अलावा निगम चावल की भी खरीद करता है।
उपभोक्ताओं को 10 रुपये किलो मिलता है चावल
हिमाचल के एपीएल राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपो में 10 रुपये प्रति किलो चावल मिलता है। इसके अलावा गरीब परिवारों को 35 किलो आटा और चावल दिया जा रहा है।