शिमला, 11 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ के खिल्लिया गांव के रहने वाले डाॅ. लखवीर सिंह का नाम स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) द्वारा जारी दुनिया के टाॅप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की लिस्ट में पुनः शामिल किया गया है। मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय (Sardar Patel University) में रसायन विभाग के चेयरमैन डाॅ. लखवीर सिंह की शोध के क्षेत्र में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है।
डाॅ. सिंह के शोध कार्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय साइंटिफिक जरनल (international scientific journal) में प्रकाशित हो चुके हैं। अब तक 100 से अधिक रिसर्च आर्टिकल्स लिख चुके हैं। इसके अलावा 23 पुस्तकें व तीन पेटेंटस भी प्रकाशित हुए हैं।
मौजूदा में डाॅ. सिंह स्प्रिंगर इंटरनेशनल जर्नल बाॅयो मास कन्वर्जन (Springer International Journal Biomass Conversions) व बायो रिफाइनरी के एडिटोरियल बोर्ड (Editorial Board of Bio Refinery) के सदस्य भी हैं। 4 हजार के करीब सीटेशन (Citations) भी हासिल कर चुके हैं। अहम बात यह है कि बतौर गाइड 5 स्टूडेंट्स को पीएचडी करवा चुके हैं।
डाॅ. सिंह का मुख्य रिसर्च कार्य वाटर ट्रीटमेंट व नैनो टेक्नोलॉजी (water treatment and nanotechnology) पर आधारित है। उन्होंने हाइड्रोजन प्रोडक्शन (hydrogen production) के लिए बायोरिएक्टर मशीन (bioreactor machine) डिजाइन व डेवलप की है। इस मशीन की क्षमता 100 लीटर तक है। इससे भविष्य में फॉसिल फ्यूल्स (fossil fuels) की निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में डाॅ. लखबीर सिंह ने बताया कि इस रिसर्च से भारत सरकार के ‘नेशनल हाइड्रोजन मिशन’ (‘National Hydrogen Mission’) की तरफ एक कदम है। इससे पहले वो अमेरिका व मलेशिया में टाॅप वैज्ञानिकों के साथ भी कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में ऊर्जा की समस्या को कम करने के लिए अमेरिका, कोरिया, पुर्तगाल व मलेशिया जैसे देशों में वैज्ञानिकों के साथ भी कार्य कर रहे हैं।
कुल मिलाकर हिमाचल के नालागढ़ के रहने वाले डाॅ. लखवीर सिंह की उपलब्धियां असाधारण हैं। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में डाॅ. सिंह विश्व पटल पर पहाड़ी प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।