प्रदेश के 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ताओं को इस महीने डिपुओं में सरसों और रिफाइंड नहीं मिलेगा। सरकार ने सरसों तेल और रिफाइंड के टेंडर रद्द कर दिए हैं। कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा न होने पर यह फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ताओं को इस महीने डिपुओं में सरसों और रिफाइंड नहीं मिलेगा। सरकार ने सरसों तेल और रिफाइंड के टेंडर रद्द कर दिए हैं। कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा न होने पर यह फैसला लिया गया है। सरकार ने खाद्य आपूर्ति निगम को नए सिरे से टेंडर करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रक्रिया में 15 से 20 दिन का समय लगता है। सरकार ने चीनी और नमक की सप्लाई का ऑर्डर भी जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार की शुगर मिल हिमाचल के लिए चीनी की सप्लाई करती है।
खाद्य आपूर्ति निगम से मिली जानकारी के मुताबिक सरसों तेल के लिए पांच, रिफाइंड के लिए तीन कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया था। सरसों तेल में पांच कंपनियों ने भाग लिया। इनमें तीन कंपनियों की औपचारिकताएं पूरी नहीं पाई गईं। नियमों के मुताबिक शेष दो कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं की जा सकती। रिफाइंड के लिए जिन तीन कंपनियों ने आवेदन किया था, उनमें दो कंपनियां पहले ही बाहर हो गई थीं। निगम ने इस मामले पर निर्णय लेने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
इस पर सरकार ने टेंडर रद्द कर नए सिरे टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा। प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को हर माह तीन दालें (मलका, माश और दाल चना) दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों) चीनी, एक किलो नमक सब्सिडी पर दे रही है, जबकि आटा और चावल केंद्र सरकार उपलब्ध करा रही है। उधर, खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग ने बताया कि रिफाइंड और सरसों तेल के टेंडर को रद्द करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम को सप्ताह के भीतर रि- टेंडर करने के लिनए कह दिया गया है।