6 अक्टूबर : उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले में स्थित माउंट द्रौपदी के डांडा-द्वितीय शिखर पर मंगलवार को भारी हिमस्खलन (Avalanche) हुआ था। जिसकी चपेट में नेहरू माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (Nehru Mountaineering Institute) के पर्वतारोहण (Mountaineering) संस्थान की 58 सदस्य टीम आ गई। इनमें से अब तक 26 को रेस्क्यू (Rescue) कर लिया गया है, जिनमें से चार के शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं 28 अभी भी लापता (Missing) बताए जा रहे हैं। बचाव अभियान जारी है।
अहम बात ये है कि इन पर्वतारोहियों में 5 हिमाचली (Himachal Pradesh) भी शामिल थे। जिनमें से तीन लापता है व दो को रेस्क्यू कर लिया गया है। लापता पर्वतारोहियों की पहचान हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) के नारकंडा के रहने वाले कर्नल दीपक वशिष्ट कैंथला, शिवम कैंथला और अंशुल कैंथला के रूप में हुई, जबकि कांगड़ा (Kangra) जिले के रहने वाले राहुल राणा व लेफ्टिनेंट अनुराधा बेस को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है।
उत्तरकाशी में एवलांच में फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (High Altitude Warfare School) के जांबाज मोर्चे संभालेंगे। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से 16 सदस्यीय दल बुधवार को उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए हैं।
उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) ने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख की राशि प्रदान करने का ऐलान किया। गंभीर घायलों को एक लाख व घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।