Himalayan Literature, Culture and Environment Forum did Kalka-Shimla Rail and Foot Literature and Environment Yatra in Bhalku Smriti

हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच ने भलकु स्मृति में की कालका-शिमला रेल व पैदल साहित्य एवं पर्यावरण यात्रा

हिमालय साहित्य संस्कृति व पर्यावरण मंच द्वारा ,बाबा भलकु की स्मृति में , रेल व पर्यावरण यात्रा आयोजित की गई।  शिमला रेलवे स्टेशन पर ,उत्तरी रेलवे के यांत्रिक, अभियंता कौस्तुभ मणि ,और शिमला स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी ने ,35 लेखकों का स्वागत कर उनकी रेल यात्रा को, हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा  ,साहित्य गोष्ठी  के साथ ,देर रात रेलवे अधिकारियों ,और स्थानीय लोगों की ,भागीदारी के बीच ,सफलतापूर्वक संपन्न हुई । लेखकों ने रेल से ,कनोह रेलवे स्टेशन तक ,और उसके बाद कंडाघाट रेलवे स्टेशन तक, पैदल यात्रा की। कंडाघाट में रेलवे अधीक्षक ,दिनेश शर्मा के साथ ,स्थानीय आरोहणम् ग्रुप के युवा सदस्यों ने ,फूल माला पहनाकर, भव्य स्वागत किया ,साथ ही शामिल लेखकों के साथ मिलकर ,पौधारोपण भी किया।हिमालय मंच ने ,इस यात्रा में, अपना स्नेह, मार्गदर्शन देने के लिए, रेलवे के पांच अधीक्षकों को सम्मानित किया 
 हिमालय मंच के अध्यक्ष व लेखक ,एस आर ,हरनोट ने इस रेल और पैदल यात्रा के महत्व को, रेखांकित करते हुए बताया कि, भलकु एक साधारण मजदूर था ,परंतु उनकी  सोच और दूरदर्शिता विलक्षण थी। उन्होंने ,न केवल इस रेलवे लाइन के सर्वेक्षण में ,बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ,बल्कि हिंदुस्तान तिब्बत रोड पर ,अंग्रेजों के साथ काम भी किया और कई पुलों के निर्माण में भी ,सहयोग दिया जिसकी वजह से ,अंग्रेजों ने उसे ओवरसीयर की उपाधि ,प्रदान की। यह यात्रा ,पहाड़ के ऐसे ही कामगारों के सम्मान की यात्रा है और साथ ही वह  ,साहित्य, संस्कृति और पर्यावरण जागरूकता के लिए भी आयोजित की गई ।