एक दिन पहले वो दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी थे, लेकिन एक झटके में वो 7वें स्थान पर पहुंच गए. गौतम अडानी को दो दिनों में 22.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हो गया. अडानी ग्रुप के चेयरमैन और भारत के सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी को ये नुकसान तब हुआ जब Hindenberg Research ने अडानी ग्रुप पर मार्किट मैनीपुलेशन का आरोप लगाया.
BCCL
शुक्रवार को अडानी लुढ़क कर दुनिया के अमीरों में 7वें पायदान पर रहे. सितम्बर 2022 में अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान बने थे.
दो दिन में तीसरे से 7वें पायदान पर
Forbes Real Time Billionaries लिस्ट के अनुसार, अडानी 7वें नंबर पर पहुंच गए हैं. फोर्बेस की रिपोर्ट के अनुसार, 27 जनवरी को अडानी की नेट वर्थ थी 96.5 बिलियन डॉलर और इसमें 19 प्रतिशत के हिसाब से गिरावट आयी है. इस समय अडानी को माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स के भी नीचे रखा गया है.
वैसे, ऐसा पहली बार हुआ है कि अडानी की नेट वर्थ 100 बिलियन डॉलर से नीचे गई है.
औंधे मुंह गिरे अडानी कंपनी के शेयर्स
bloomberg
पिछले दो दिनों में अडानी के कई शेयर बुरी तरह से गिरे. इसे हिंडेनबर्ग रिपोर्ट का नतीजा माना जा रहा है. इस रिपोर्ट ने अडानी की कंपनी पर फ्रॉड करने का आरोप लगाया. अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 19% गिरे, अडानी टोटल गैस के शेयर्स में भी 19.1% की गिरावट देखी गई. ये लॉस मार्च 2020 के बाद से एक दिन के हिसाब से सबसे ज़्यादा था. इसके अलावा अडानी ग्रीन एनर्जी में भी 16% की गिरावट थी.
ऐसा क्या था Hindenburg Research में?
अमेरिका की एक्टिविस्ट और इन्वेस्टर कंपनी Hindenburg ने 2 साल तक अडानी ग्रुप की जांच-पड़ताल कर सारा लेखा-जोखा दुनिया के सामने रखा और कंपनी पर स्टॉक्स को अपने हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने और अकॉउंट फ्रॉड का बड़ा आरोप लगाया.
बताया जा रहा है कि इस रिसर्च में बड़े-बड़े लोगों, जिनमें कंपनी में ऊंचे पदों पर काम कर चुके लोगों को इंटरव्यू किया गया. कई देशों में कंपनी की साइट्स पर जा कर पड़ताल की गई, जकयी डॉक्युमेंट्स खंगाले गए और कई सारे सवाल पूछे गए.
इस रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि,
“अडानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी ने करीबन 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर की नेट वर्थ बनाई, जिसमें अकेले 3 साल में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इज़ाफ़ा कंपनी के 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनी के ज़रिये हुए. इन तीन साल में इन कंपनियों के स्टॉक अप्रिसिएशन प्राइस में 819 प्रतिशत का उछाल आया है.”
AFP
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया कि ‘दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स ने कैसे कॉरपोरेट इंडस्ट्री की सबसे बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया?’ रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी करके कंपनियों की मार्केट वैल्यू को Manipulate करने के बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप ने लम्बा-चौड़ा नोट शेयर कर रिपोर्ट को भ्रामक और झूठा बताया है.
हालांकि अडानी ग्रुप के इस स्टेटमेंट का भी जवाब हिंडेनबर्ग ने देते हुए कहा कि ग्रुप ने उनके 88 सवालों के जवाब नहीं दिए. इस एजेंसी ने दावे के साथ कहा है कि उसके पास अपने सभी आरोपों को साबित करने के लिए ज़रूरी सबूत और दस्तावेज़ हैं.