हिंदी दिवस: विदेशों में अब और बजेगा हिंदी का डंका, जानें क्या है मोदी सरकार का बड़ा प्लान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आज यानी 14 सितंबर को हिंदी दिवस है. हिंदी दिवस समारोहों को लेकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को भले ही आपत्ति हो, मगर केंद्र की मोदी सरकार की देश ही नहीं, विदेशों में भी अपने सभी कार्यालयों में हिंदी को बढ़ावा देने की एक महत्वाकांक्षी योजना है. बता दें कि एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर राज्य सरकार से ‘हिंदी दिवस’ नहीं मनाने का आग्रह किया और कहा कि 14 सितंबर को हिंदी दिवस जबरदस्ती मनाना कर्नाटक के लोगों के साथ ‘अन्याय’ होगा.

solantoday के पास इस संबंध में सरकार द्वारा जारी एक आदेश की एक कॉपी है, जिसमें प्रत्येक देश में ‘नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति’ के गठन की बात कही गई है. यह कमेटी उन सभी देशों में गठित की जाएगी, जहां भारत के पास सात से अधिक केंद्र सरकार के कार्यालय या उपक्रम या भारतीय बैंक की शाखाएं हैं. बता दें कि हिंदी भारत की राजभाषा है.

सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विदेशों में स्थित भारतीय कार्यालयों में हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और राजभाषा अधिनियम के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक संयुक्त मंच बनाने की आवश्यकता महसूस की गई है, जहां ये कार्यालय हिंदी की राह में आने वाली समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि इन समितियों का गठन केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी और विदेश मंत्रालय के समन्वय पर किया जाएगा और और प्रत्येक देश में भारतीय राजदूत इसका नेतृत्व करेंगे.

दरअसल, गृह मंत्रालय इस साल 14-15 सितंबर को गुजरात के सूरत में 2 दिवसीय कार्यक्रम के साथ हिंदी दिवस मना रहा है. ऐसा पहली बार है, जब हिंदी दिवस के अवसर पर यह वार्षिक कार्यक्रम दिल्ली के बाहर आयोजित किया जा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह आज यानी बुधवार (14 सितंबर) को हिंदी दिवस पर अपना संबोधन देंगे.

आदेश में क्या-क्या है
आदेश के मुताबिक, विदेशों में स्थित भारतीय कार्यालयों में हिंदी को बढ़ावा देने वाली समितियों के लिए सरकार ने कहा है कि कमेटी को चलाने के लिए विदेश में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों या किसी हिंदी विशेषज्ञ को समिति में नामित किया जा सकता है. प्रत्येक भारतीय कार्यालय या उपक्रम या विदेश में स्थित भारतीय बैंक का एक अधिकारी समिति का सदस्य होगा. इतना ही नहीं, सरकारी आदेश में इस बात का साफ जिक्र किया गया है कि समिति की बैठकें नियमित होनी चाहिए.

क्या होगा इन समितियों का काम
इन समितियों का काम सरकारी पत्राचार में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना और राजभाषा अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा करना होगा. विदेशों में स्थित भारतीय कार्यालयों को भी हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस और संगोष्ठियों जैसी प्रतियोगिताओं और समारोहों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. आदेश में कहा गया है कि गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के माध्यम से इस पर रिपोर्ट मांगेगा.

सरकार क्या चाहती है
बता दें कि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और विदेशों में भी हिंदी भाषा में रुचि पैदा करने के लिए विदेशों में स्थित सभी भारतीय दूतावासों द्वारा हिंदी दिवस मनाया जाता है. सरकार को लगता है कि क्योंकि हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और विदेशों में भी बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की मौजूदगी है, यही वजह है कि इसे देखते हुए विदेशों में हिंदी का प्रचार जरूरी है.