नई दिल्ली : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण दिल्ली के इंडिया गेट पर आठ सितंबर यानी गुरुवार को होगा, लेकिन उनकी बेटी अनीता बोस ने कहा है कि वह इस कार्यक्रम में शरीक नहीं होंगी. उन्होंने न्यूज 18 से बातचीत में कहा, “नहीं, मैं नहीं रहूंगी. परिस्थिति के साथ-साथ वहां पर क्या होगा, इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है. इस कारण इतने कम समय में मेरे लिए वहां जा पाना संभव नहीं था. रही बात वहां के माहौल की तो मुझे पता है कि मैं दर्शकों के बीच बैठी रहूंगी और कोई ध्यान भी नहीं देगा. मुझे यह भी नहीं पता है कि कार्यक्रम को लेकर योजना क्या है. मैं अब तक यही समझती थी कि यह कार्यक्रम तीन सितंबर को होगा.”
अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अनीता बोस ने कहा कि उन्हें इससे पहले 15 अगस्त को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन फिर वह कार्यक्रम रद्द हो गया और सरकार की तरफ से उन्हें सूचित भी नहीं किया गया. दूसरी बार उन्हें आठ सितंबर को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थीं कि इस बार कार्यक्रम होगा भी या नहीं.
अनीता बोस ने न्यूज 18 से कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने तीन सितंबर को उन्हें और बाकियों को आधिकारिक आमंत्रण भेजा. उनसे पहले कहा गया था कि 29 अगस्त तक न्योता आ जाएगा. पिछले अनुभव के आधार पर तो मुझे 2-3 सितंबर तक भी यकीन नहीं था. आज तक उन्हें नहीं पता कि कार्यक्रम में क्या होगा, शायद कुछ नहीं. इतना जानती हूं कि पीएम थोड़ी देर के लिए आएंगे और मैं दूर से ही उन्हें देख पाऊंगी… बस.
मूर्ति अनावरण के समय के बारे में अनीता ने कहा कि यह कार्यक्रम जिस तरह से हो रहा है उसे लेकर वह बिल्कुल खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा, “मैं इसलिए नाराज हूं क्योंकि कार्यक्रम पूरी तरह से अव्यवस्थित है. हां. लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि नेताजी की मूर्ति लगाई जा रही है. आठ सितंबर की तो कोई अपेक्षा ही नहीं थी. इस दिन का नेताजी से कोई लेना-देना ही नहीं है. मुझे उम्मीद थी कि शायद कार्यक्रम की तारीख 21 अक्टूबर (आजाद हिंद फौज की स्थापना दिवस) या 23 जनवरी (पुण्यतिथि) होगी. सरकार की मंशा नेताजी का सम्मान करना है, इसमें कोई संशय नहीं है. लेकिन कुल मिलाकर सब कुछ उलझा हुआ है. आखिरकार हमें यह स्वीकार करना होगा कि अनावरण भी उन तमाम कामों में से एक है जो उन्हें निपटाना है.”
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नए बने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के साथ आठ सितंबर को सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण करेंगे. मूर्ति भी 13,450 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है, जिसमें नया संसद भवन, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का नया आवास, मंत्रालय की इमारत और नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदलना शामिल है.