छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की बेटी, हिषा बघेल (Hisha Baghel) ने पूरे राज्य को गर्व करने की वजह दी है. वो ज़िले के बोरीगर्का गांव से राज्य की पहली महिला अग्नीवीर (Female Agniveer) चुनी गई है. हिषा बघेल का सेलेक्शन नौसेना में हुआ है, और फिल्हाल ओडिशा के चिलिका में सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट की ट्रेनिंग ले रही हैं.
छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर
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TV9 Hindi की रिपोर्ट के अनुसार हिषा बघेल की ट्रेनिंग मार्च तक चलेगी और इसके बाद वो उन्हें पोस्टिंग मिलेगी. अग्निवीर में चुने जाने के लिए हिषा ने खुद ही ट्रेनिंग और तैयारी की. वो रोज़ सुबह दौड़ लगाती थीं. योगाभ्यास की मदद से उन्होंने खुद को सेना के लिए तैयार किया.
लड़कों से लगाती थी रेस
स्कूल में ही हिषा ने मन बना लिया था कि वो सेना में जाएगी, और देश सेवा करेगी. स्कूल की पढ़ाई के साथ ही हिषा ने सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी थी. स्कूल की पढ़ाई के बाद उसने कॉलेज में एडमिशन लिया, और एनसीसी में भी शामिल होने का फैसला लिया. एनसीसी की ट्रेनिंग के दौरान अग्निवीर की फॉर्म आए और हिषा ने अप्लाई कर दिया.
अग्निवीर में भर्ती होने के लिए हिषा गांव के लड़कों के साथ रेस लगाती थी. ऐसा करने वाली वो इकलौती लड़की थी. हिषा के अग्निवीर में चुने जाने से न सिर्फ़ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशहाली छा गई.
मां को है बेटी पर गर्व
ANI
ANI से बात-चीत करते हुए हिषा की मां ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है. हिषा की मां ने कहा, ‘मुझे बहुत गर्व है. वो बहुत मेहनती है. वो सुबह 4 बजे उठकर ट्रेनिंग करती थी. हमने अपनी ज़मीन बेची और अपनी गाड़ी बेची. उन पैसों से मेरे पति क इलाज हुआ, उन्हें कैंसर है. उन्हीं पैसों से बच्चों की पढ़ाई करवाई.’
कैंसर पीड़ित पिता ने ऑटो बेचकर पढ़ाया
हिषा जिस मकाम पर आज पहुंची हैं वहां तक का सफ़र आसान नहीं था. हिषा की मां ने बताया कि बीते 10 साल से उनके पति को कैंसर है. इलाज के लिए उन्होंने अपना ऑटोरिक्शा बेच दिया. हिषा ने अपने परिवार को संघर्ष करते देखा और परिवार की मदद करने के लिए वो भी ट्यूशन पढ़ाती थी.
बता दें, 14 जून, 2022 को केन्द्र सरकार ने अग्निवीर रिक्रूटमेंट के लिए अग्निपथ स्कीम को मंज़ूरी दी थी.