सर्दियां यानी खाना. सरसों, बथुआ, मेथी साग, मूली के परांठे से लेकर गाजर का हलवा, गुड़ की चाय, गुड़ की मिठाई, वगैरह वगैरह… सर्दियों की बात ही कुछ और है, आंगन या छत पर आधे जगे आधे सोए हुए कुछ पढ़ना, कोई खेल खेलना और अगर रिएलिटी की बात करें तो लैपटॉप पर टपाटप करते रहना!
सर्दियों में बंगाल में गुड़ की खीर बनती है, मध्य प्रदेश में गजक. और, अगर बात पंजाब की बात करें तो सिर्फ़ मक्के की रोटी और सरसों का साग ही नहीं, आटे, देसी घी, गुड़ी और ड्राई फ़्रूट्स (Dry Fruits) से एक ख़ास किस्म के लड्डू बनते हैं, जिन्हें कहते हैं पिन्नी (Pinni)
अगर आपके कोई दोस्त या सहकर्मी पांच नदियों के प्रदेश, पंजाब (Punjab) से होंगे तो आपने भी सर्दियों में पिन्नी का स्वाद ज़रूर चखा होगा.
प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिक
प्रथम विश्व युद्ध (First World War) में तक़रीबन 1.5 मिलियन भारतीय सैनिकों ने अंग्रेज़ों की तरफ़ से लड़ाई लड़ी. फ़्रांस (France), बेल्जिमय (Belgium) की धरती पर दुश्मन से लोहा लिया. ये बात तो किसी से नहीं छिपी है कि इस विश्व युद्ध में लड़े भारतयी सैनिकों को वो इतिहास में वो जगह नहीं दी गई, जिसके वो हक़दार थे. बेहद कम उम्र के युवाओं (Teenagers) को युद्ध लड़ने के लिए विदेश भेज दिया गया था.
Hindustan Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सैनिकों के लिए लंदन (London) में घर जैसी व्यवस्था करने की कोशिश की गई थी. सैनिकों के लिए संगीत, तेल, कंघा, सिख सैनिकों के लिए धार्मिक चीज़ें आदी की व्यवस्था की गई थी.
सैनिकों के लिए मंगवाई गई पिन्नी
भारतीय सैनिक विदेशी धरती पर जंग लड़ रहे थे और उन्हें अक़सर घर की याद आती थी. लंदन के सिख समुदाय ने ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी लिखी और अंग्रेज़ी मिठाई की जगह भारतीय मिठाई, पिन्नी की मांग की. भारतीय सैनिकों की देखभाल कर रही लंदन की कमिटी ने, सैनिकों का उत्साहवर्धन करने के लिए सैनिकों को पंजाबी मिठाई, पिन्नी देने का निर्णय लिया.
लंदन की कमिटी ने भारत से पिन्नियां मंगवाई लेकिन ये अंग्रेज़ सरकार को महंगा पड़ रहा था इसलिए बाद में ये सिस्टम बंद कर दिया गया.
भारत से पिन्नी बनाने के लिए बुलाया गया Chef
किताब For King and Another Country: Indian Soldiers on the Western Front 1914-1918 के अनुसार, पिन्नी बनाने में निपुण एक भारतीय खानसामे को फ़्रांस बुलाया गया.
कमिटी ने खीर बनाने को कहा लेकिन जैसा भारतीय बनाते हैं, विदेशी धरती पर वैसी खीर नहीं बन पाई और बाद में ये सिस्टम भी बंद कर दिया गया.
भारतीय सैनिकों को बाद में अंग्रेज़ी मिठाइयों के साथ ही समझौता करना पड़ा.
घर पर ट्राई करिेए पिन्नी
सामग्री: घी, गोंद, बादाम, काजू, खरबूजे के बीज, सूखा नारियल, गेहूं का आटा, चीनी पाउडर, इलायची पाउडर,
विधि: घी गरम कर लें. गोंद भून लें और काजू, बादाम डालकर दोबारा भूनें. दूसरी कढ़ाई में खरबूजे के बीज भून लें. सभी भूने हुए ड्राई फ़्रूट्स को दरदरा कूटकर अलग रख लें. सूखा नारियल भूनकर अलग रख लें. बची हुई घी को छानकर दूसरी कढ़ाई में डालें और उसमें आटे को भूनें. घी कम लगने पर ऊपर से डाल सकते हैं. एक कटोरी में आटा और ड्राई फ़्रूट्स, चीनी पाउडर, इलायची पाउडर को अच्छे से मिला लें. अब लड्डू बना लें.
अंग्रेज़ों को तो पिन्नी नहीं भाई (वरना कुछ न कुछ करके व्यवस्था ज़रूरत करते!) हम हिन्दुस्तानियों की पहले भी घर की बनी पिन्नियां पसंद थी, आज भी पसंद है.