इतिहास का सबसे खूंखार बादशाह : तैमूर लंग की भयानक बातें ।

पीर मोहम्मद को तैमूरलंग ने भारत पर आक्रमण करने के लिए बोला था. जबकि खुद तैमूरलंग भारत पर आक्रमण करने से डर रहा था. अपने 15 साल के पौत्र से भी तैमूरलंग कोशायद कोई मोहब्बत नहीं थी. सन 1397 में तैमूरी सेना के साथ पीर मोहम्मद ने भारत में प्रवेश किया था. सिंध को पार करके कच्छ को जीतने के लिए इस पीर ने मुल्तान में डेराडाल लिया था. इस समय मुल्तान की रक्षा का कर्तव्य कठ जाति के सारंगदेव पर था.

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मुल्तान की रक्षा में इस समय खटिक जाति के योद्धा लगे हुए थे. आज जिस खटिक जाति को उनका सम्मान नहीं प्राप्त है, इस समय इन्हीं योद्धाओं ने पीर मोहम्मद को घेरकर कईबार हराया था. पीर की विशाल सेना को इन्होनें आगे नहीं बढ़ने दिया था, तब आखिर में अपने पौत्र की जान बचाने के लिए तैमूरलंग भारत आया था.

प्रमोटेड कंटेंट

अपने 92 हजार सैनिकों के साथ मार्च 1398 ई. में समरकंद भारत आया था. सबसे पहले तैमूरलंग ने काबुल पहुचकर अमीर सुलेमान के नेतृत्व में एक सेना पीर मुहम्मद के सहयोगके लिए मुल्तान भेजी. इस सेना को भी कुछ ख़ास हासिल नहीं हुआ था. खटिक योद्धा बड़ा जबरदस्त युद्ध कर रहे थे. इसके बाद रावी के तट पर पीर मुहम्मद और तैमूरलंग कीमुलाकात अक्तूबर 1398 को हुई थी. इसके बाद तैमूरलंग ने दीपालपुर को लूटा था.

कोई इतिहासकार ना जाने क्यों नहीं बताता कि तैमूरलंग ने कई जगह बेगुनाह लोगों को इसलिए मारा था क्योकि वह खटिक योद्धाओं से पीछे हारता हुआ आ रहा था. भटनीर से जबतैमूरलंग ने दिल्ली के लिए कूच किया था तो रास्ते में छापामार युद्ध में कठ-पार्श्वी सैनिकों ने तैमूरलंग को नानी याद दिला दी थी.

ये है तैमूरलंग के पाप की कहानी –

तो इस तरह से देख सकते हैं तैमूरलंग जिसको भारतीय इतिहास में महान योद्धा बताया गया है असल में वह एक कायर शासक था. तैमूरलंग ने मुस्लिमों को भी मारा है क्योकि वहभारत पर शासन नहीं बल्कि लूट करने आया था और चोर का कोई धर्म-ईमान नहीं होता है. नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]