हॉकी गोलकीपर झोपड़ी में रहने को मजबूर, हालात जान बुजुर्ग का पिघला दिल, खरीदकर दे दिया 3BHK फ्लैट

देश के खिलाड़ी देश का मान बढ़ाने के लिए जी जान लगा देते हैं और इसके बावजूद जब उनकी दयनीय हालत सामने आती है तो बहुत बुरा लगता है. हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी मई 2022 में एक ऐसी ही खिलाड़ी की कहानी देश के सामने रखी थी. ये खिलाड़ी हैं महिला हॉकी टीम की होनहार गोलकीपर खुशबू खान. जिनके घर की हालत कुछ ऐसी है कि बारिश आने पर छत से झरना बहने लगता था. गर्मी में घर किसी भट्टी की तरह उबलने लगता और तेज हवा का झोंका आते ही डर रहता कि कहीं घर गिर न जाए.

मुंबई के बुजुर्ग मदद के लिए आए आगे

खुशबू खान के हालात सामने आने के बाद एक बात ये पता लगी कि देशवासियों के अंदर देश के खिलाड़ियों को लेकर कितना प्रेम है. दरअसल 2022 में TOI में छपी इस खबर को पढ़ने के बाद मुंबई के बुजुर्ग शिवा गुलवाडी ने खुशबू के लिए 3 बीएचके फ्लैट खरीदा है. 20 वर्षीय युवा हॉकी स्टार को जल्द ही करीब 36 लाख रुपये कीमत वाले अपार्टमेंट की चाबी मिल जाएगी.

TOI की खबर का हुआ असर

पिछले छह वर्षों से दुनियाभर में देश का मान बढ़ाने के बावजूद उनके पास भोपाल में रहने के लिए झोंपड़ी ही थी. 27 मई, 2022 को टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुशबू के हालातों से दुनिया को रूबरू कराया. TOI की इस रिपोर्ट के बाद कई लोग खुशबू की मदद के लिए आगे आए. वहीं इस खबर ने मुंबई के शिवा को अंदर तक झकझोर कर रख दिया.

शिवा ने बताया कि, ‘खुशबू की कहानी पढ़ने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि विभिन्न देशों में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद वह और उनका परिवार कितने दर्द से गुजर रहा था. भगवान की कृपा से उन्हें अब घर एक महीने के भीतर मिल जाएगा.’ खुशबू फिलहाल सीनियर राष्ट्रीय शिविर के लिए बेंगलुरु में हैं. उन्होंने इस संबंध में बताया कि वह खुश हैं. उन्होंने कहा कि, ‘वो और उनका परिवार हमेशा शिवा सर के सपोर्ट के लिए शुक्रगुजार रहेंगे.’

आश्वासन मिला मगर मदद नहीं मिली

Khushboo Khan Twitter

खुशबू ने कहा कि बीते वर्षों में अधिकारियों ने वादे किये कि उन्हें पक्का घर दिलाने में मदद की जाएगी लेकिन ये वादे कभी सच न हो सके. उन्हें एक विकल्प दिया गया था, लेकिन वह इलाका रहने लायक नहीं था. 2017 के बाद से खुशबू बेल्जियम, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली, दक्षिण अफ्रीका, बेलारूस और आयरलैंड में भारतीय जूनियर टीम की दमदार गोलकीपर रही हैं. वह दो बार ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड जा चुकी हैं और 2021 में जूनियर विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. इतना सब करने के बावजूद उनके परिवार के हालात नहीं बदले.

पिता चलाते हैं ऑटो

Khushboo Khan Twitter

खुशबू के पिता शब्बीर खान ऑटो चला कर अपने चार बच्चों और परिवार का पेट पालते हैं. खुशबू को अभी सीनियर टीम में डेब्यू करना है. 53 साल के शब्बीर का कहना है कि बेटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते देखना आश्चर्यजनक लगता है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी देश का प्रतिनिधित्व करते हुए हवाई जहाज से यात्रा करती है और बड़े होटलों में ठहरती है, लेकिन जब वह घर वापस आती है तो जीवन अलग होता है. उसे इस पुरानी जीर्ण-शीर्ण झोपड़ी में रहना पड़ता है.

उनका कहना है कि, अधिकारियों से आश्वासन मिला है. उनमें से कुछ ने हमसे कई बार मुलाकात की लेकिन कुछ नहीं हुआ. मेरी बेटी एक उचित घर की हकदार है. शिवा सर मदद के साथ आगे आए हैं जिसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं.