ब्याज बढ़ने का नहीं पड़ रहा घर खरीदारों पर असर, बैंकों का होम लोन दोगुना बढ़कर ₹16 लाख करोड़ के पार

पिछले 5 साल में होम लोन की रकम में दोगुना इजाफा.

पिछले 5 साल में होम लोन की रकम में दोगुना इजाफा.

नई दिल्ली. आरबीआई की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि घर खरीदने वालों पर महंगाई का असर नहीं दिख रहा है. पिछले 5 साल में घर खरीदने के लिए बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज दोगुना होकर 16.85 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इतना ही नहीं इस साले के शुरुआती 5 महीनों में भी होम लोन की देनदारी में 10 फीसदी से अधिक की दर से इजाफा हुआ है. गौरतलब है कि आरबीआई ने महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट में लगातार 4 बार वृद्धि की है और इसे 5.90 फीसदी तक पहुंचा दिया है.

रेपो रेट में इस वृद्धि का असर होम लोन की ब्याद दरों पर भी पड़ा है. इसके बावजूद ये खरीदारी हो रही है. 2016-17 में लोगों पर 8,60,086 लाख करोड़ रुपये का होम लोन था. जो 2021-22 में 16,84,824 करोड़ रुपये हो गया. जानकार मानते हैं कि भले ही ब्याज दरें होम लोन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं लेकिन लोग इसकी वजह से घर खरीदने की अपनी इच्छा को नहीं मारते हैं. लोग घर खरीदने का फैसला उनकी वर्तमान आय और भविष्य को ध्यान में रखकर लेते हैं

क्या होती है घर खरीदार की सोच?
एचडीएफसी की मैनेजिंग डायरेक्टर रेणु सुद कर्नाड कहती हैं कि उन्हें नहीं लगता कि ब्याज दर बढ़ने से होम लोन की मांग पर कोई असर होता हैं. उन्होंने कहा कि घर खरीदने से पहले हम परिवार के अंदर काफी चर्चा होती है और पूरी तरह सोच-समझकर ये फैसला लिया जाता है. बकौल कर्नाड, होम लोन आमतौर पर 12-15 साल का होता है जो काफी लंबा समय है, ऐसे में घर खरीदार ये मानकर चलता है कि इस बीच ब्याज दरों में कई बार बदलाव होगा. वह कहती हैं कि घर खरीदार जानता है कि अगर ब्याज दर बढ़ रही है तो इतने लंबे समय में यह कई बार नीचे भी आएगी इसलिए वह ब्याज दरों में बदलाव से उतना प्रभावित नहीं होता.

अप्रैल से पहली कुछ और थी स्थिति

जेएलएल इंडिया के प्रमुख अर्थशास्त्री सामंतक दास कहते हैं कि मार्च 2016 से तो होम लोन की ब्याज दरें औसतन 9.45 फीसदी से 6.95 फीसदी तक घटी ही थीं. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2022 के इस ट्रेंड में बदलाव हुआ. इससे पहले आरबीआई का रेपो रेट भी घट रहा था और साथ ही होम लोन की ब्याज दरें भी नीचे जा रही थीं. उन्होंने कहा कि घरों की बिक्री में अभी भी तेजी बनी हुई है और 2022 के अंत तक ये दशक के शीर्ष स्तर पर पहुंच सकती है.