हिमाचल प्रदेश के बागवानों के बगीचे में अब यूएसए के गुठलीदार फलों के पौधे उग सकेंगे। हिमाचल उद्यान विभाग पहली बार यूएसए से प्लम, आडू, खुमानी व बादाम के 56,000 पौधे आयात कर रहा है। इसी माह पौधों की खेप हिमाचल पहुंच जाएगी। शिमला,जिले के ठियाेग, कोटखाई, रामपुर, कुमारसैन और रोहड़ू सहित कुल्लू मंडी, कांगड़ा जैसे अन्य क्षेत्रों में गुठलीदार फलों का उत्पादन होता है।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि पौधों को एक साल के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा। यह सुनिश्चित हो सके की पौधों में कोई बीमारी तो नहीं है। अगले साल उद्यान विभाग बागवानों को यूएसए से आयातित पौधे का आवंटन करेगा। पौधों के आयात से पहले उद्यान विभाग के अधिकारी आपूर्ति पूर्व निरीक्षण भी कर चुके हैं। एक साल क्वारंटाइन अवधि के बाद अगले साल बागवानों को यह पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि शिवा प्रॉजेक्ट का काफी अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है। निचले इलाकों में जहां जमीन बंजर पड़ी थी वहां पर अलग-अलग किस्म के फलों के पौधे प्रोजेक्ट के माध्यम से उगाए जा रहे हैं। शिवा प्रोजेक्ट के दायरे को 6 हजार हेक्टेयर तक बढ़ाने का टारगेट रखा गया है।
हिमाचल में सेब को यूनिवर्सल कार्टन में बेचने का भी बागवानी मंत्री ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इससे बागवानों के साथ होने वाली लूट कम हो जाएगी। अब तक 20 किलो की पेटी में 25 से 28 किलो सेब भी पैक किया जाता है। जिसका लाभ लदानी को होता है। बागवानों को प्रति पेटी 500 से 600 रुपये का नुकसान होता है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन को शुरू करने का फैसला करने जा रही है। बागवानों के साथ बैठक कर जल्द निर्णय लिया जाएगा।