Horticulture Department: हिमाचल में एंटी हेल गन का लाभ लेने वालों को एंटी हेल नेट भी दे डाले उपदान पर

ऑडिट विभाग ने बागवानी विभाग के गलत उपदान को उजागर कर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब करोड़ों रुपये की लागत से

स्थापित एंटी हेल गन के दायरे में बागवानों को लाया जा चुका था तो उनको दोहरी सुविधा देकर एंटी हेल नेट पर लाखों का

उपदान क्यों दिया।

एंटी हेलगन(फाइल)

हिमाचल प्रदेश के बागवानों को गलत तरीके से 46.90 लाख रुपये के उपदान का भुगतान कर दिया गया है। ऑडिट विभाग ने बागवानी विभाग के गलत उपदान को उजागर कर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब करोड़ों रुपये की लागत से स्थापित एंटी हेल गन के दायरे में बागवानों को लाया जा चुका था तो उनको दोहरी सुविधा देकर एंटी हेल नेट पर लाखों का उपदान क्यों दिया। ऑडिट विभाग ने पैरा-एक रेफरेंस संख्या ओबीएस -372454 में साफ उल्लेख किया है कि एंटी हेल नेट पर उपदान देने में अनियमितता करके बागवानों को 46.90 लाख रुपये का उपदान दिया गया है। एंटी हेल नेट पर उन बागवानों को उपदान नहीं दिया जा सकता, जो पहले से ही एंटी हेल गन के दायरे में लाए गए थे।

बागवानी विभाग के दस्तावेजों की छानबीन में लेखा विभाग ने पाया कि वर्ष 2016 में तीन एंटी हेल गन जिला शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित की गई थीं। प्रत्येक गन की कीमत एक करोड़ रुपये थी और इन्हें अमेरिका से आयात किया गया था। क्षेत्र के बागवानों की फसल को ओलों से बचाने के लिए एंटी हेल गन चलाने पर पांच लाख रुपये हर साल व्यय किए जाते हैं। अभी तक कुल 35.4 लाख रुपये इस पर व्यय किए जा चुके हैं। एक एंटी हेल गन कोटखाई के ब्रेओंघाट के एसएमएस के नियंत्रण में चलाई जाती है। इससे क्षेत्र की 10 पंचायतों के करीब 50 गांवों के 58 बागवानों को लाभ मिल रहा है। इसके बाद भी कोटखाई के एसएमएस ने 46.90 लाख रुपये बागवानों को एंटी हेल नेट के उपदान पर दे दिए। यह दोहरा लाभ चार गांवों दिओरी खनेटी, पराली, रवाला क्यार और क्यारी गांवों के बागवानों को गलत तरीके से दिया गया।

बागवानों को 2020-2022 में दिया उपदान
लेखा विभाग ने पाया है कि वर्ष 2020-22 में एंटी हेल नेट पर गलत तरीके से उपदान दिया है। राज्य के लघु और मध्यम वर्ग के बागवानों को 80 फीसदी और बड़े बागवानों को 50 फीसदी उपदान में एंटी हेल नेट दिया जाता है। इस उपदान के लिए अधिकतम सीमा 5,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक रहती है।

सरकार करेगी दोषी अफसरों पर कार्रवाई : महेंद्र
राज्य के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि इस गंभीर मामले की छानबीन की जाएगी। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।