राज्य बागवानी विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञों और बागवानी विकास अधिकारियों के लिए फलों की उत्पादकता बढ़ाने पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशालय, डॉ वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. मनिका तोमर ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य फलों में गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रबंधन की तकनीकों के बारे में ज्ञान साझा करना था। अधिकारियों को कनोपी और बाग प्रबंधन, उच्च घनत्व वाले सेब बगीचों के लिए किस्मों और रूटस्टॉक्स, एकीकृत पोषक प्रबंधन, जल संचयन संरचना की भूमिका, रोग और कीट प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षुओं को प्रदर्शन भ्रमण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सोलन भी ले जाया गया। समापन सत्र में निदेशक अनुसंधान डॉ रविन्द्र शर्मा ने प्रशिक्षुओं को किसानों के खेतों में आने वाली समस्याओं के साथ आगे आने का आह्वान किया ताकि उन्हें उचित वैज्ञानिक सिफारिशें दी जा सकें।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों की आय दोगुनी करने और उनके सामने आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए राज्य के बागवानी विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने अधिकारियों को कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से निदेशालय से निरंतर संपर्क बनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर और किसान वैज्ञानिक इंटरफेस का आयोजन किया जा सके।
निदेशालय ने हाल ही में दो और प्रशिक्षण आयोजित किए जो बागवानी विभाग द्वारा प्रायोजित किए गए थे। प्रशिक्षण में बागवानी विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षुओं को फल उत्पादकता, फसल मौसम बीमा योजनाओं के साथ मौसम के आंकड़ों की पुनर्प्राप्ति, फल प्रजनन, जल संचयन संरचनाओं और फलों में उनके महत्व पर व्याख्यान दिए गए। दूसरा प्रशिक्षण उद्यान विभाग के सुविधाकर्ताओं और तकनीकी सहायकों के लिए आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण का समन्वय डॉ. पी.के. बवेजा और डॉ. रेशमा नेगी ने किया। डॉ. अनिल सूद (संयुक्त निदेशक संचार) और डॉ. सी.एल. ठाकुर (संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण) ने भी प्रशिक्षण में भाग लिया।