पिछले करीब दो साल से कोरोना के चलते मंदी की मार झेल रहे होटल कारोबारियों के अच्छे दिन लौटने लगे हैं। मार्च माह में बढ़ी पर्यटकों की आवक से होटलों में काम करने वाले युवाओं को भी फिर से काम मिलने की उम्मीद जगी है। होटलों में काम धंधा ठप होने के चलते सैकड़ों युवाओं को घर भेज दिया गया था, जिस संस्थान में एक दर्जन युवा काम करते थे वहां आधा दर्जन से ही काम चलाया जा रहा था, लेकिन अब हालात बदलने के बाद फिर से अनेक युवाओं को होटलियर और अन्य बड़े कारोबारी वापस बुलाने लगे हैं। गर्मियां शुरू होने के साथ ही सैलानी पहाड़ों का रुख करने लगे हैं। होटलों में इन दिनों 30 से 40 फीसदी तक आक्यूपेंसी हो गई है।
कारोबारियों का कहना है कि पिछले करीब तीन सीजनों के बाद पहली बार पर्यटकों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है। कोविड काल में अनेक ही कारोबारी अपना काम धंधा छोड़ चुके थे। अनेक एनपीए में चले गए। होटलों व पर्यटन से जुड़े अन्य काम धंधों से जुड़े अनेक ही कामगारों को घर भेज दिया गया था और वह दिहाड़ी लगाने के लिए मजबूर हो गए थे, लेकिन एक बार फिर से उन्हें होटलेयर वापस बुलाने लगे हैं। अप्रैल, मई व जून में कारोबारियों को पर्यटकों का अच्छा फ्लो आने की उम्मीद है। कोविड काल में बंद पड़ी व्यवस्थाओं के कारण मकलोडगंज से अचानक विदेशी मेहमान भी गायब हो गए थे, लेकिन अब धीरे-धीरे पुरानी चहल पहल लौटने लगी है। एचडीएम
काम करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी
उधर होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष राहुल धीमान का कहना है कि इन दिनों 30 से 40 फीसदी सैलानी यहां पहुंच रहे हैं, जिससे होटलियर फिर से काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़ा रहे हैं, जिससे कोरोना में काम गंवा चुके युवाओं को फिर से काम मिलने शुरू हुआ है, यह एक अच्छा संकेत है।
अप्रैल से जून तक पर्यटकों में इजाफा
उधर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांवा का कहना है कि कोविड के चलते कारोबारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है, लेकिन अब पर्यटकों की संख्या धीरे-धीरे बढऩे लगी है, जिससे उम्मीद हैं कि आने वाले दिनों में अच्छा कारोबार होगा।