जेल एक ऐसी जगह है जहां अपराधियों को रखा जाता है. भारत और अमेरिका जैसे बहुत से ऐसे देश हैं जहां अपराधियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि यहां बनी जेलों में कैदियों भीड़ लगी रहती है. लेकिन वहीं इस दुनिया में एक ऐसा भी देश हैउस देश के बारे में जानना बेहद दिलचस्प होगा जहां अपराधियों की इतनी कमी हो गई है कि यहां की जेलों को बंद करने के बाद अब वहां ऑफिस तथा होटल बनाए जा रहे हैं.
जेलों को बनाया जा रहा है होटल
हम यहां बात कर रहे हैं नीदरलैंड की, जहां अपराधी लगभग खत्म हो चुके हैं. एक तरफ जहां दुनिया के कई देशों में अपराध की दर पहले के मुकाबले बढ़ी है वहीं इस देश में अपराध अब ना के बराबर रह गया है. जाहीर सी बात है कि जब अपराध ही नहीं है तो अपराधी कहां से आएंगे. यही वजह है कि यहां की जेलें खाली होने लगी हैं और इन बड़ी जेलों को आफिसों और होटलों में बदला जा रहा है.
अपराध और अपराधी हो रहे हैं कम
बता दें कि नीदरलैंड में पिछले 10 सालों में सबसे कम अपराध हुए हैं. यहां अपराध की दर पिछले 8 सालों में 25 फीसदी तक गिरी है. वहीं यहां देशभर में पुलिस स्टेशनों की संख्या भी कम कर दी गई है. अब यहां कि कुछ बड़ी जेलों को आलीशान होटलों में बदला गया है. यहां के लोग भी इस बदलाव को बहुत पसंद कर रहे हैं.
ये देश पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर रहा है लेकिन अब इसे तेजी से कम हो रही क्राइम रेट के लिए भी जाना जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि क्राइम रेट कम होने के पीछे यहां के अपराधियों के साथ होने वाले बर्ताव के तरीकों में सुधार आना भी एक बड़ा कारण है.
डच जस्टिस सिस्टम से आया बदलाव
साल 2013 से नीदरलैंड्स के जेलों को बंद करने की शुरुआत की गई थी. वहीं साल 2019 में भी यहां पर कुछ जेलों को बंद किया गया और कुछ जेलों को शरणार्थियों के लिए स्थायी आवास में बदल दिया गया. इस बड़े बदलाव को देखने के बाद यूरोप में कैदियों के साथ रवैये पर बने डच सिस्टम की हर तरफ सराहना की जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार ये सब इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि नीदरलैंड ने अपराधियों के प्रति सहानुभूति से भरी इंसानी सोच को आगे बढ़ाया है.
डच जस्टिस सिस्टम के अनुसार जेल में बंद कैदियों के साथ इंसानियत भरा व्यवहार किया जाता है. इस सिस्टम के अनुसार मानसिक बीमारी से ग्रसित कैदियों पर विशेष ध्यान दिया गया. डच जस्टिस सिस्टम को ऐसे बनाया गया है जहां कैदियों की सजा पर जोर देने की बजाय की उनकी अपराध करने की भावना को समझने और अपराध की रोकथाम पर ज्यादा जोर दिया जाए. इस सिस्टम के तहत जो लोग किसी अपराध को अंजाम देते हैं, उन्हें जुर्माना देना पड़ता है या फिर उन्हें मनोवैज्ञानिक पर चलाए जा रहे पुर्नस्थापन प्रोग्राम को अटेंड करना पड़ता है. कई सालों तक जेल में सजा काट चुके कैदियों की सजा को कम कर दिया जाता है.
2015 में शुरू किये गए इस जस्टिस सिस्टम के अनुसार कैदियों को काफी बेहतर ढंग से रखा जाता है और खानपान का भी सही बंदोबस्त होता है. ये वहां मानवाधिकार के लिहाज से जरूरी माना जाता है. इस सिस्टम की मदद से यहां के जेलों में कैदियों की संख्या घटने लगी. अब नीदरलैंड में 50 से भी कम कैदी बचे हैं.
कैदियों की संख्या है मात्र 50
एक लाख लोगों की आबादी पर 50 से भी कम कैदियों की संख्या यूरोप के किसी देश में सबसे कम है. वर्ल्ड प्रीजन ब्रीफ के अनुसार अमेरिका में एक लाख लोगों पर 655 कैदी हैं और ये आंकड़ा दुनिया में सर्वाधिक है. डच जस्टिस डिपार्टमेंट की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि साल 2023 तक जेल की कुल आबादी बस 9,810 तक आ जाएगी.
जेलों में कैदियों की संख्या कम होने के बाद यहां के कई जेल खाली हो गए हैं. इन खाली जेलों में से कुछ को आलीशान होटलों में बदल दिया गया है. इन होटलों में गेस्ट के लिए चार सूइट को अपग्रेड करके लग्जरी रूप दे दिया गया है. द जेलर, द लायर, द डायरेक्टर और द जज के नाम से शुरू किये गए इन 4 सूइट्स में वाई-फाई, फ्लैट स्क्रीन टीवी और अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. होटल में एक शानदार रेस्टोरेंट के साथ साथ गेस्ट्स के लिए फिटनेस सेटर और सोना बाथ जैसी सुविधाएं भी हैं.