Morbi Bridge: छुट्टी का दिन होने के कारण रविवार की शाम करीब साढ़े छह बजे पुल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे में अब तक 132 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मरनेवालों की कुल संख्या 150 तक जा सकती है। फिलहाल दुर्घटनास्थल का नजारा हृदय को छलनी करनेवाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य गुजरात रविवार की शाम एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना। मोरबी में मच्छू नदी पर बने एक सस्पेंशन ब्रिज के टूटकर नदी में गिरने से अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना के बाद से पुल के मेंटेनेंस का जिम्मा सभालने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप सवालों के घेरे में आ गई है। आइए जानते हैं घड़ी निर्माण से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में दखल रखने वाली ओरेवा ग्रुप की क्या है कहानी? कौन हैं कंपनी के कर्ता-धर्ता? क्या वाकई में कंपनी की लापरवाही का खामियाजा लोगों ने अपनी जान गंवाकर चुकाई है?
पांच महीने से बंद पुल को पिछले हफ्ते ही खोला गया था
15 वर्षों के लिए ओरेवा ग्रुप को दी गई थी पुलिस के रख-रखाव की जिम्मेदारी
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ओरेवा ग्रुप को पुल का रखरखाव मिलने से जुड़े दस्तावेज। – फोटो : Social Media