अपने तरह के सबसे बड़े अध्ययन में सामने आया है कि किसी कोविड रोधी टीके (Covid-19 Vaccine) की तीन खुराक या अलग-अलग टीकों की इतनी खुराक, कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों से होने वाले संक्रमण से बेहतर ढंग से बचाव कर सकती है. ‘द बीएमजे’ शोध पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि विभिन्न टीकों के मिश्रण की अपेक्षा टीके की खुराक की संख्या प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाने में अधिक सहायक है और इससे भविष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में निर्णय लेने में सहायता मिलेगी.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि सभी कोविड-19 रोधी टीकों के अपने प्रभावों के बारे में पर्याप्त जानकारी है लेकिन विभिन्न टीकों के मिश्रण की प्रभावशीलता स्पष्ट नहीं है और विशेष रूप से बुजुर्गों और कम प्रतिरक्षा वाले लोगों में इसके प्रभाव की जानकारी कम है. ‘चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग’ के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों और उससे मौत के मामलों में तेजी से गिरावट के बावजूद टीके द्वारा दी गई प्रतिरक्षा और वायरस के नए स्वरूपों के प्रति चिंता के कारण यह जानना अहम हो गया है कि किन टीकों का मिश्रण ज्यादा कारगर है.
बता दें कि इससे पहले कई वैज्ञानिक स्टडी और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने वैक्सीन के मिक्स डोज को बेहतर बताया था. तर्क था कि अलग-अलग वैक्सीन की मदद से कोरोना के खिलाफ बेहतर इम्युनिटी मिलेगी.
दरअसल पिछले साल वैक्सीन की किल्लत के चलते कुछ लोगों को पहली खुराक किसी और वैक्सीन की मिली थी जबकि दूसरी खुराक किसी अन्य वैक्सीन की मिली थी. इसके चलते लोगों को इस बात का डर था कि कहीं दो अलग-अलग वैक्सीन लेना घातक तो नहीं है. लेकिन शोधकर्ताओं ने इस बात से इनकार कर दिया. भारत समेत कुछ देशों में कोरोना की अलग-अलग वैक्सीन उपयोग में लाई गई हैं.