IPS Ajay Pal Sharma: अजय पाल शर्मा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने सैकड़ों एनकाउंटर किये हैं। कैराना में पलायन के लिए जिम्मेदार मुकीम काला गैंग की कमर भी अजय ने ही तोड़ी थी। लोग ने उन्हें ‘सिंघम’ जैसे नामों से नवाजने लगे थे।
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में जनपद गौतमबुद्ध नगर में एसएसपी के पद पर अजय पाल को जिम्मेदारी दी गई थी। 16 मार्च 2018 से 7 जनवरी 2019 तक उनका कार्यकाल रहा। डॉ अजय पाल शर्मा जिले में रहने के दौरान कई एनकाउंटर किए।
डॉ अजय पाल शर्मा की छवि एक तेज तर्रार पुलिस वालों में की जाती है। जिले में कमान संभालने के बाद से ही वो काफी सक्रिय हो गए थे। कई इनामी बदमाश उनके कार्यकाल के दौरान जिले से बाहर चले गए थे। उनमें इस खौफ का कारण कोई और नहीं बल्कि आईपीएस अजय पाल शर्मा है। शहर में कई बड़े विवादों को उन्होंने सूझबूझ से सुलझाया था। इनमें एडीएम और रिटायर्ड कर्नल और नोएडा के सेक्टर-58 में पार्क में नमाज अता करने के मामला प्रमुख था।
इनामी बदमाशों का किया एनकाउंटर
अजय पाल ने 5 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के कई इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में ढ़ेर किया है। कुछ खनन माफिया पर एनएसए भी लगाया। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर 63 से अधिक पुलिसकर्मियों पर केस भी दर्ज कराया। इसके अलावा नोएडा में एक इंस्पेक्टर पर उसी के थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया। कॉल सेंटर चलाकर विदेशियों को ठगने के मामले में सबसे अधिक कार्रवाई इन्हीं के समय में हुई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर हिंसा पर पैनी नजर रखने के लिए और अधिकारियों के सहयोग के लिए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस अजय पाल शर्मा को भेजा था। शर्मा के कानपुर पहुंचने से उपद्रवियों सहित अपराधियों में खौफ साफ देखने को मिला। कानपुर से पहले लखीमपुर खीरी में हुए किसानों के बवाल के बाद योगी आदित्यनाथ ने अजय पाल को ही कमान सौंपी थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के लुधियाना के रहने वाले 37 वर्ष के अजय पाल शर्मा यूपी कैडर के वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। शर्मा की पहली पोस्टिंग यूपी के सहारनपुर में हुई। इसके बाद इनका ट्रांसफर मथुरा में हुआ।
‘सिंघम’ जैसे नामों से होने लगी पहचान
अजय पाल शर्मा ने यूपी में एक के बाद एक कई एनकाउंटर किए, जिसके बाद उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा। शर्मा का नाम प्रदेश भर में तब सुर्खियों में आया था। बात वर्ष 2019 जून की है। जब रामपुर में ड्यूटी के दौरान अजय पाल शर्मा ने एक छह वर्ष की बच्ची से रेप के बाद हत्या की वारदात में आरोपी नाजिल को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था। एनकाउंटर में अपराधी को तीन गोलियां लगी थी। अजय पाल ने ही कैराना पलायन के आरोपी को भी गिरफ्तार किया था। जिसके बाद अजय पाल शर्मा ‘सिंघम’ जैसे नामों से जाने पहचाने लगे।
डेंटिस्ट से लेकर IPS तक का सफर
शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह शुरू में एक दांत के डॉक्टर थे व छोटा भाई एमबीबीएस डॉक्टर। परिवार के कहने पर अजय पाल ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी और आखिर में दोनों भाइयों का सिलेक्शन हो गया। अजय पाल ने पुलिस सेवा ज्वाइन कर ली और उनके छोटे भाई आईएस बन गए। अजय पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही तेज थे। अजय पाल ने हाई स्कूल में स्टेट टॉप किया था। अजय 3 विषयों हिंदी, अंग्रेजी और गणित में 100 में 100 अंक हासिल किए थे। लेकिन ग्रेजुएशन तक आते आते अजय का अंक बेहद कम आने लगे। हालांकि अजय ने कभी हार नहीं मानी।
वर्ष 2008 में अजय ने डेंटिस्ट की जॉब छोड़ यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वर्ष 2009 में अजय ने रिटर्न की परीक्षा में सफल हुए लेकिन इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाए। लेकिन बाद में अजय पाल शर्मा ने ऑल इंडिया में 17 वी रैंक हासिल की। अजय पाल की सोशल मीडिया पर अच्छी फैन फॉलोइंग है। फिलहाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद जौनपुर के एसपी की कमान सौंपी है।
इनपुट-मनीष सिंह