पाकिस्तान में कैसे मनाते हैं दिवाली, किन मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं हिन्दू?

इस्लामाबाद. पूरी दुनिया में तो दिवाली की धूम मची ही हुई है, लेकिन क्या पाकिस्तान में भी दीपोत्सव को लेकर दीवानगी है? ये सवाल अक्सर मन में अपने आप उठ जाता है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद हिंदू दिवाली उसी तरह मनाते हैं, जैसे भारत में पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या 75 लाख के करीब है. ये हिंदू पंजाब सहित कई इलाकों में फैले हुए हैं. हिंदू बहुल इलाकों में दिवाली के दिन रौनक देखते ही बनती है. बताया जाता है कि दिवाली का सबसे बड़ा उत्सव सिंध में और कराची में मनाया जाता है.

इसके अलावा पंजाब, बलूचिस्तान, हैदराबाद में भी दिवाली की रौनक दिखाई देती है. पंजाब की दिवाली इसलिए खास हो जाती है, क्योंकि यहां गुरुद्वारा और मस्जिद एक ही परिसर में हैं. पाकिस्तान के थारपारकर और अमरकोट में दिवाली ठीक उसी तरह मनाई जाती है, जैसे ईद. यहां दिवाली के दिन मुस्लिम समुदाए अपने पड़ोसी हिंदुओं को बधाइयों के साथ-साथ कुछ न कुछ उपहार जरूर देते हैं. दिवाली के दिन लोग मिठाइयों के साथ-साथ नए कपड़े खरीदते हैं, घरों की साफ-सफाई कर दीये जलाते हैं और रात को कहीं-कहीं आतिशबाजी भी होती है.

पहचान छुपाकर रहते हैं हिंदू
बताया जाता है कि पाकिस्तान में कई ऐसे इलाके भी हैं, जहां हिंदू अपनी पहचान छुपाकर रहते हैं. ऐसे हिंदु युवाओं को दिवाली के दिन उनके बुजुर्ग खासतौर से सावधान करते हैं. सिंध प्रांत के सुदूर इलाकों में तो आज भी जबरन धर्मांतरण और लड़कियों को अगवा कर निकाह करने की खबरें आम हैं. ऐसे इलाकों में हिंदुओं के लिए दिवाली कोई मायने नहीं रखती.

मंदिरों में जलाते हैं दीये
पाकिस्तान और भारत की दिवाली में एक बड़ा अंतर है कि भारत में लोग घरों में दिवाली मनाते हैं और पाकिस्तान में हिंदु मंदिरों में जाकर दीप जलाते हैं. लोग विशेषरूप से तैयार होकर घरों से निकलते हैं और मंदिरों में जाकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं. हिंदू खासकर हिंगलाज माता मंदिर, कटासराज शिव मंदिर, इस्लामाबाद के पास राम मंदिर, कराची के हनुमान मंदिर और पेशावर के गोरखनाथ मंदिर में जाकर दीये जलाते हैं और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं.

मिलने लगी दिवाली की छुट्टी
बता दें, पाकिस्तान में दिवाली पर वहां के प्रधानमंत्री जनता को बधाई संदेश जरूर देते हैं. बताया जाता है कि पहले हिंदुओं को दिवाली की छुट्टी नहीं मिलती थी, लेकिन अब सरकार ने दिवाली पर अवकाश घोषित कर दिया है. इस बात से हिंदुओं को कुछ राहत मिली है.