ट्रेन में कितने तरह की होती है वेटिंग लिस्ट, सबसे पहले कौन सी टिकट होती है कंफर्म?

ट्रेन में आप वेटिंग लिस्ट की टिकट लेकर यात्रा नहीं कर सकते हैं.

ट्रेन में आप वेटिंग लिस्ट की टिकट लेकर यात्रा नहीं कर सकते हैं.

नई दिल्ली. अगर आपने भारतीय रेल की सेवाएं ली हैं तो बहुत हद तक संभव है कि आप वेटिंग लिस्ट के बारे में जरूर जानते होंगे. वेटिंग लिस्ट में उन यात्रियों को डाला जाता है जिनकी टिकट कंफर्म नहीं हो पाती. वेटिंग लिस्ट में जाने का मतलब है कि अगर किसी कंफर्म टिकट वाले यात्री ने अपनी यात्रा रद्द की तो आपको उसकी सीट दे जाएगी. हालांकि, ये इतना आसान नहीं होता. वेटिंग लिस्ट भी काफी लंबी हो सकती है.

अगर आप वेटिंग लिस्ट नंबर 100 है तो इसका मतलब होगा कि उस ट्रेन में कम-से-कम 99 लोगों को अपनी टिकट रद्द करनी होगी तब कहीं जाकर आपका नंबर आएगा. वेटिंग लिस्ट भी कई तरह की होती हैं. आज हम उन्हीं अलग-अलग वेटिंग लिस्ट के बारे में आपको बताएंगे

GNWL– इसका मतलब है जनरल वेटिंग लिस्ट. अगर कोई कंफर्म्ड यात्री अपनी टिकट कैंसिल करेगा तो आपको उसकी सीट अलॉट कर दी जाएगी.

TQWL– अगर आप तत्काल में कोई टिकट बुक करते हैं और उसे फिर भी वेटिंग में डाल दिया जाता है तो उसे तत्काल वेट लिस्ट (TQWL) कहा जाता है. इस टिकट के कंफर्म होने के चांस बहुत कम होते हैं.

PQWL– इसका मतलब है पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट. ये वेट लिस्ट जनरल से अलग होती है. इसमें उन यात्रियों को डाला जाता है जो शुरुआती और अंतिम स्टेशन के बीच में चढ़ने-उतरने वाले होते हैं. मसलन, दिल्ली से पटना जा रही ट्रेन में बरेली से ट्रेन पकड़कर बनारस या मुगलसराय में उतरने वाले यात्री.

RLWL– रिमोट लोकेशन वेटलिस्ट. छोटे स्टेशन का ट्रेन में सीट कोटा होता है. दूर-दराज के स्टेशनों से ट्रेन पकड़ने वालों को इस लिस्ट में डाला जाता है. इसके कंफर्म होने की संभावना बहुत अधिक होती है.

RSWL– ऐसी वेटलिस्ट जो किसी खास स्टेशन के लिए ही हो उसे रोड साइट वेटलिस्ट कहा जाता है. मसलन केवल नई दिल्ली स्टेशन के लिए वेटलिस्ट को RSWL कहा जाएगा.

विशेष उल्लेख
इनके अलावा भी 2 तरह की टिकटें यात्रियों को दी जाती हैं. इनमें से एक है आरएसी. इसका मतलब है- रिजर्वेशन अंगेस्ट कैंसिलेशन. इसमें 1 ही सीट को 2 आरएसी टिकट वाले लोगों को दिया जाता है. जैसे ही कोई कंफर्म टिकट कैंसिल होती है सबसे पहले इन्हीं लोगों की टिकट कंफर्म की जाती है और पूरी सीट दे दी जाती है. इसके बाद है सीएनएफ. हालांकि, ये टिकट का टाइप नहीं है बल्कि आपकी टिकट पर अपडेट है. इसका मतलब होता है कि आपकी टिकट कंफर्म हो चुकी है और चार्ट बनते समय सीट अलॉट की जाएगी. ट्रेन के चार्ट उसके प्रस्थान के समय से करीब 4 घंटे पहले तैयार हो जाता है.