Gautam Adani Super App : अडानी ग्रुप अगले तीन से छह महीनों में अपना सुपर ऐप ला सकता है। यह मोबाइल ऐप अडानी के एयरपोर्ट्स पर आने वाले यात्रियों को ग्रुप द्वारा ऑफर की जा रही दूसरी सेवाओं से जोड़ेगा। वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन इंडिया इस बढ़ते बाजार के अधिकांश मार्केट शेयर को कंट्रोल करते हैं।
नई दिल्ली : देश के पहले और दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) तेजी से अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं। अब अडानी एक ऐसा प्लेटफॉर्म लेकर आने वाले हैं, जो ‘डिजिटल वर्ल्ड का फेरारी’ साबित होगा। गौतम अडानी एक सुपर ऐप (Super App) लॉन्च करने जा रहे हैं। यह ऐप अगले तीन से छह महीने के अंदर आ सकता है। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक हालिया इंटरव्यू में यह जानकारी दी है। लेकिन गौतम अडानी इस ऐप को लॉन्च करने का सुनहरा मौका चूक गए। वे महामारी के समय इसे लॉन्च करना चाहते थे, जब ऑनलाइन सर्विसेज की डिमांड काफी बढ़ी हुई थी। दूसरी तरफ इस समय दुनियाभर में टेक इंडस्ट्री में उथल-पुथल है। भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट की बात करें, तो यहां काफी अधिक प्रतिस्पर्धा है। तो क्या अडानी की फेरारी इस भारी-भरकम ट्रैफिक में फंस जाएगी?
यहां से आएंगे डाउनलोड्स
यह मोबाइल ऐप अडानी के एयरपोर्ट्स पर आने वाले यात्रियों को ग्रुप द्वारा ऑफर की जा रही दूसरी सेवाओं से जोड़ेगा। यह ऐप के डाउनलोड बढ़ाने का सबसे आसान तरीका हो सकता है। अडानी ग्रुप सात भारतीय हवाई अड्डे चलाता है। यह इस समय मुंबई के दूसरे एयरपोर्ट के लिए रनवे और नया टर्मिनल भी बना रहा है। कुल मिलाकर देश का 20 फीसदी एविएशन ट्रैफिक अडानी ग्रुप के माध्यम से जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अडानी ग्रुप उन शहरों में टैक्सी सर्विस में भी निवेश कर रहा है, जहां उसके एयरपोर्ट्स हैं। अगर वह फ्री राइड ऑफर करे, तो लाखों मोबाइल फोन्स में यह एप आसानी से इंस्टॉल कराया जा सकेगा।
चुनौती कम नहीं
इस तरह अडानी ग्रुप का सुपर ऐप पहली लड़ाई जीत जाएगा। अगली थोड़ी पेचीदा होगी। यह है- ग्राहकों को दूसरी चीजों के लिए वापस अपने प्लेटफॉर्म पर लाना। शॉपिंग, पेमेंट्स, एंटरटेनमेंट, सोशल मीडिया और फाइनेंस को एक स्थान पर लाना चीनी मॉडल है। अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड, टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड और मीटुआन ऐसा कर चुके हैं। लेकिन चीन की कोविड-19 पॉलिसीज से खपत में गिरावट आई है। अलीबाबा ने हाल ही में तीमाही घाटा दर्ज किया है। दक्षिणी एशिया में यह टेम्पलेट कॉपी हुआ था। यहां निवेशक अब विस्तार से पहले मुनाफे की डिमांड कर रहे हैं। गोजेक और ई-कॉमर्स फर्म टोकोपेडिया के मर्जर से बने गोटो ग्रुप ने अपनी वर्कफोर्स में 12 फीसदी की गिरावट की है।
भारत में है अच्छा बाजार लेकिन कड़ी प्रतिस्पर्धा
क्षेत्रीय दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण है, तो भारत से मिल रहे संकेत भी बहुत उत्साहजनक नहीं हैं। ई-कॉमर्स सेक्टर निश्चित रूप से सफल रहा है। वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन इंडिया इस बढ़ते बाजार के अधिकांश मार्केट शेयर को कंट्रोल करते हैं। पिछली तिमाही में 8 दिन की बिग बिलियन डेज फेस्टिवल सेल के दौरान फ्लिपकार्ट पर आए विजिट्स में से 60 फीसदी टियर 2 और टियर 3 शहरों से आए थे।