Bareilly News: एक महिला ने पति की कमाई के बारे में जानने के लिए सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया। नियमों के आधार पर जानकारी नहीं मिलने पर महिला ने दिल्ली तक संघर्ष किया। वह केंद्रीय सूचना आयोग तक गईं, जहां से उन्हें राहत मिली है।
बरेली: पति और पत्नी के संबंधों पर किस्से, कहानियां और चुटकुले तो तमाम सुनने को मिलते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां एक महिला ने पति की कमाई के बारे में जानने के लिए सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया। नियमों के आधार पर जानकारी नहीं मिलने पर महिला ने दिल्ली तक संघर्ष किया। वह केंद्रीय सूचना आयोग तक गईं, जहां से उन्हें राहत मिली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला काफी पुराना है। महिला का अपने पति से अलगाव चल रहा था। अलग होने के बाद महिला ने गुजारा भत्ता के लिए दावा किया, जिस पर पति ने पर्याप्त इनकम नहीं होने का हवाला दिया। इसके बाद महिला ने बरेली आयकर विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी से RTI के तहत जानकारी मांगी।
महिला ने यह जानना चाहा कि उनके पति की आय कितनी है। इस पर विभाग ने संबंधित व्यक्ति की सहमति नहीं होने का हवाला देते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया। महिला ने इसके बाद प्रथम अपीलीय प्राधिकरण का रुख किया, लेकिन वहां से भी खाली हाथ ही वापस लौटीं। हालांकि महिला ने हार नहीं मानी और वह केंद्रीय सूचना आयोग की चौखट पर पहुंच गईं।
सूचना आयोग ने पूरे मामले को जानने के बाद सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया। आयोग ने कहा कि महिला को अपने पति की आय को जानने का हक है। इस संबंध में सूचना जारी की जा चुकी है। आयकर अधिकारियों ने बताया कि अलग प्रकोष्ठ में अलग सूचना अधिकारी नियुक्त होते हैं।