नई दिल्ली. किसी भी बड़े वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए अक्सर हमें लोन की जरूरत होती है. ऐसा माना जाता है कि नौकरीपेशा व्यक्ति को बैंक आसानी से लोन दे देते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि आपके वेतन पर कितना लोन मिल सकता है और आप अपनी ईएमआई कितनी तय कर सकते हैं.
बैंकिंग मामलों के जानकार और वाइस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा का कहना है कि सैलरी और उसके एवज में मिलने वाले लोन को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्पष्ट गाइडलाइन है. इसका सभी बैंक बखूबी पालन भी करते हैं. यह गाइडलाइन इसलिए तैयार की गई, ताकि लोन लेने वाले ग्राहक पर ईएमआई का इतना बोझ न आए कि वह अपने रोजमर्रा के खर्चे पूरे न कर सके. गाइडलाइन में लोन, ईएमआई और व्यक्ति के खर्चों के बीच तालमेल रखने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.
क्या कहती है गाइडलाइन
आरबीआई की इस गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी वेतनभोगी को हर महीने मिलने वाली टेक होम सैलरी की 55 से 60 फीसदी राशि ही ईएमआई चुकाने में इस्तेमाल की जा सकती है. शेष पैसों का इस्तेमाल वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरी करने में करेगा. हालांकि, इस गाइडलाइन के आने के बाद बैंक अपनी तरफ टेक होम सैलरी का सिर्फ 50 फीसदी हिस्सा ही ईएमआई के रूप में तय करते हैं. ईएमआई की राशि इस एहतियात में कम कर दी गई कि ग्राहक अपने रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के एवज में कहीं लोन को डिफॉल्ट न कर जाए.
कितना मिल सकता है लोन
टेक होम सैलरी पर अधिकतम लोन पाने को लेकर भी रिजर्व बैंक की गाइडलाइन है. इसके मुताबिक, कोई व्यक्ति अपनी कुल टेक होम सैलरी का 60 गुना तक लोन पा सकता है. मसलन, अगर किसी व्यक्ति की मासिक टेक होम सैलरी 50 हजार रुपये है तो वह अधिकतम 30 लाख रुपये का लोन पा सकता है. इसी तरह, 1 लाख रुपये टेक होम सैलरी पाने वाला व्यक्ति 50 लाख रुपये तक का लोन पाने के लिए योग्य है.
हालांकि, यह राशि होम लोन जैसे सुरक्षित लोन के बारे में है. होम लोन की एलिजिबिलिटी क्रेडिट स्कोर, वेतन, आयु, लोकेशन, वर्तमान देयता आदि पर भी निर्भर होती है. अगर परिवार में एक से ज्यादा कमाने वाले लोग हैं तो लोन की राशि और बढ़ सकती है, क्योंकि फिर इसकी गणना सभी सदस्यों की कुल कमाई के आधार पर होगी. पर्सनल लोन के मामले में बैंक ग्राहक के सिबिल स्कोर और रिस्क क्षमता के आधार पर लोन की राशि तय करते हैं.