कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन सबसे कारगर उपाय है। इसके अलावा एक्सपर्ट मास्क लगाने की सलाह देते हैं। ऐसे समय में जब ठंड बढ़ रही है तो चीन में कोरोना की बढ़ती रफ्तार देख भारत के लोगों में भी डर पैदा हो गया है। कर्नाटक में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। आज यानी 27 दिसंबर 2022 को देशभर में बड़ा टेस्ट होने जा रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ाई फिर तेज हो गई है। चीन का हाल देख भारत सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। दिल्ली से लेकर राज्यों की राजधानियों में बैठकों का दौर जारी है। सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर तैयारी परखना चाहती है। ऐसे में आज पूरे देश में बड़ा मॉक ड्रिल होने जा रहा है। जी हां, यह तैयारी उस आशंका को लेकर है कि अगर कोविड-19 के मामले बढ़ते हैं तो हमारे इंतजाम किस स्तर के हैं। आज अस्पतालों की तैयारियों की पड़ताल होगी। मौजूदा टेंशन ऐसे समय में बढ़ी है जब त्योहार और नए साल के वेलकम की तैयारियां हो रही हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से भीड़भाड़ से बचने और मास्क पहनने की अपील की है। कर्नाटक में तो स्कूल, कॉलेज और भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, मॉक ड्रिल किसलिए?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया है कि चीन और दुनिया के दूसरे देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच एहतियाती उपायों के तहत आज देशभर में सभी कोविड अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ होगी। इसमें राज्य के सभी स्वास्थ्य मंत्री अपने स्तर पर हिस्सा लेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टरों के साथ बैठक में उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कवायद हमारी तैयारियों को लेकर तत्परता में मदद करेगी, अगर कोई कमी है तो उसे दूर किया जा सकेगा।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस के 196 नए मामले सामने आए, जबकि उपचाराधीन मामले मामूली रूप से बढ़कर 3,428 हो गए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड के मामले बढ़ने के मद्देनजर देशभर के हवाईअड्डों पर कोविड-19 की बिना क्रम के जांच शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने बताया है कि मंगलवार को होने वाली ‘मॉक ड्रिल’ सभी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन में बिस्तर की क्षमता, ऑक्सीजन आपूर्ति वाले बिस्तर, आईसीयू बिस्तर और वेंटिलेटर वाले बेड, डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल कर्मियों, आयुष डॉक्टर और अग्रिम मोर्चे के अन्य कर्मियों की उपलब्धता जैसे मापदंडों पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह कोविड-19 प्रबंधन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों, गंभीर मामलों के लिए वेंटिलेटरी प्रबंधन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और पीएसए संयंत्रों के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों आदि पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनिया के हालात का जिक्र करते हुए कहा है कि यह आवश्यक है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी की जाए।
दिल्ली में 104 करोड़ रुपये का बजट मंजूर
दिल्ली सरकार ने आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों के तहत सामान्य दवाओं की खरीद के लिए अस्पतालों के लिए 104 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। एक समीक्षा बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी अस्पतालों के प्रमुखों को बिस्तर, वेंटिलेटर, आईसीयू, मानव संसाधन, ऑक्सीजन संयंत्र और चिकित्सा उपकरणों का विवरण स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करने का निर्देश दिया। सिसोदिया के हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘वैश्विक स्तर पर कोविड मामलों में वृद्धि सभी के लिए चिंता का विषय है। दिल्ली के अस्पतालों को पहले से तैयारी करने और सतर्क रहने को कहा गया है।’
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार के पोर्टल पर मंगलवार से जनता के लिए बिस्तर, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर की उपलब्धता संबंधी जानकारी उपलब्ध रहेगी। पिछले साल कोविड की दूसरी लहर के दौरान, दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी, अस्पतालों ने घटती आपूर्ति पर सोशल मीडिया पर ‘SOS’ संदेश भेजे थे।
बिहार और यूपी का हाल
उधर, बिहार में तीर्थयात्रा पर गए पांच विदेशी नागरिक कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से चार थाईलैंड से और एक म्यांमार से है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में चीन से लौटे एक व्यक्ति को संक्रमित पाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने हाल में विदेश यात्रा से लौटे व्यक्तियों से तब तक घर में रहने की अपील की, जब तक कि वे कोविड-19 की जांच नहीं करा लेते। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी की जांच रिपोर्ट पॉज़िटिव आती है, तो उन्हें तुरंत प्रशासन को सूचित करना चाहिए और हम सभी व्यवस्था करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमें आगरा में एक कोविड पॉजिटिव मरीज के बारे में जानकारी मिली है और उसका नमूना जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है और मरीज घर में पृथकवास में है।’
कर्नाटक में मास्क अनिवार्य
महामारी के दौरान सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में रहे कर्नाटक ने सोमवार को कई एहतियाती कदम उठाए। इसके तहत सिनेमाघरों और शिक्षण संस्थानों में मास्क को अनिवार्य बना दिया गया है। बुजुर्गों सहित अधिक खतरे वाली आबादी को भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचने की सलाह दी गई है। सरकार ने निर्देश दिया है कि बार, रेस्तरां और पब में केवल उन लोगों को प्रवेश दिया जाए जिन्होंने कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की दो खुराकें ली हैं। ऐसे स्थानों को नए साल पर बैठने की क्षमता के बराबर ही मेहमानों की मेजबानी करने को कहा गया है। एक जनवरी को नए साल का जश्न भी रात एक बजे तक खत्म करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ नए साल पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क को अनिवार्य किया गया है और बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को ऐसे स्थानों से बचने की सलाह दी गई है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने भी लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य में कोविड प्रोटोकॉल में कभी ढील नहीं दी गई है।
एक्सपर्ट बोले, टीका लगवा लीजिए
विशेषज्ञों का कहना है कि बीएफ.7 सब-वेरिएंट से भारत को बहुत अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि काफी लोगों में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हो गई है – टीकाकरण से या पिछले संक्रमण से – जबकि चीन में कड़े प्रतिबंधों के कारण लोगों की प्रतिरक्षा कम है। शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान श्रीनगर के निदेशक डॉ. परवेज कौल ने कहा, ‘प्रामाणिक एजेंसियों (वाशिंगटन विश्वविद्यालय जैसे) से प्राप्त मॉडलिंग आंकड़े जम्मू-कश्मीर में आने वाले सप्ताहों में वायरस के कम प्रवाह का पूर्वानुमान व्यक्त करते हैं, लेकिन मॉडल भयावह तरीके से गलत साबित भी हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए परामर्शों के अनुसार शांति रखिए, नियमित सावधानी बरतिए और अगर टीका नहीं लगवाया है तो लगवा लीजिए। कृपया घबराए नहीं। सुरक्षा से बचाव होता है। अफसोस जताने के बजाय सुरक्षित रहना बेहतर।’ कौल ने कहा कि चीन में अनेक कारणों से स्थिति अलग है जहां कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।