कैसे क़तर से शुरू हुआ खाड़ी देशों में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ नाराज़गी और बीजेपी की कार्रवाई का सिलसिला- प्रेस रिव्यू

नूपूर शर्मा

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रविवार को बीजेपी ने पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी ने निलंबित कर दिया और दिल्ली बीजेपी के मीडिया सेल के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. इन दोनों नेताओं पर पैग़ंबर मोहम्मद और इस्लाम पर की गई विवादित टिप्पणी के लिए ये कार्रवाई की गई है.

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान के बाद कानपुर में हिंसा हुई लेकिन खाड़ी देशों में इस बयान पर आई तीखी प्रतिक्रिया के बाद पार्टी ने अपने नेताओं के खिलाफ़ ये एक्शन लिया.

खासकर क़तर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को समन किया गया वो भी तब जब भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू क़तर के तीन-दिवसीय औपचारिक दौरे पर हैं.

अख़बार लिखता है कि अपने बयान में मित्तल ने सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी के अपने प्रवक्ताओं को ही फ़्रिंज करार दिया है.

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है, “भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने क़तर सरकार को बताया है कि ये ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचार को प्रदर्शित नहीं करते, ये फ़्रिंज लोगों के विचार है. इस तरह के विवादित बयान देने वालों पर कार्रवाई की जा चुकी है.”

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इसके अलावा कुवैत के विदेश मंत्रालय ने भी भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज को एक आधिकारिक चिट्ठी सौंपी जिसमें पैगंबर के खिलाफ़ सत्तारूढ़ दल के नेता की ओर से किए गए “अपमानजनक बयानों पर स्पष्ट अस्वीकृति जताते हुए इसकी निंदा” की गई है.

एक अन्य अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार देर रात ईरान ने भी इस मामले पर भारतीय राजदूत को तलब है हालांकि इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

बीजेपी ने भी अपनी ओर से इस विवाद पर एक बयान जारी कर पार्टी को इससे अलग कर लिया है.

26 मई को टाइम्स नाऊ चैनल पर नूपुर शर्मा ज्ञानवापी फ़ाइल्स नाम के एक डिबेट शो में भाग ले रही थीं जिस दैरान उन्होंने ये विवादित टिप्पणी की. न्यूज़ चैनल ने भी बयान जारी करके इस बयान से खुद को अलग कर लिया है.

कानपुर

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कानपुर हिंसा: यूपी पुलिस हिंसा में शामिल लोगों का लगाएगी होर्डिंग

अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक़ कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों की होर्डिंग शहर में लगाई जाएगी.

कानपुर के कमिश्नर विजय मीणा ने रविवार को कहा है कि “50 लोगों की तस्वीरों वाली होर्डिंग जो लोग हिंसा में शामिल हैं उनकी पहचान और गिरफ्तारी के लिए लगाई जाएंगी.”

कमिश्नर मीणा ने कहा कि हमने कथित अभियुक्तों की तस्वीरें घटना के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से जुटाई हैं और जल्द ही हम उन तस्वीरों की होर्डिंग कानपुर नगर में आने वाले छह पुलिस स्टेशन के इलाकें में लगाएंगे.

मीणा ने कहा, “हम तस्वीरों को जुटाने की प्रक्रिया में हैं और उन्हें हर जगह डिस्प्ले के लिए लगाया जाएगा. हम कड़ा संदेश देना चाहते हैं. इन दंगाइयों की पहचान की जाएगी और उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी.”

उन्होंने ये भी कहा कि ज़रूरत पड़ी तो हम होर्डिंग पर और भी तस्वीरें लगाएंगे औऱ इसे शहर के अन्य इलाकों में भी लगाया जाएगा.

फेसबुक

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‘फेसबुक ने बीजेपी सांसद पर कार्रावाई करने से इनकार कर दिया’

फेसबुक की व्हिसलब्लोअर सोफी जांग ने पिछले साल एक संसदीय पैनल के सामने फेसबुक पर भाजपा के नेता और समर्थकों के लिए पूर्वाग्रह के मामले में गवाही देने की पेशकश की थी जो अब तक नहीं हुई.

अंग्रेज़ी अख़बार टेलीग्राफ़ में छपी ख़बर के मुताबिक़ सोफ़ी ने खुलासा किया कि सोशल मीडिया कंपनी ने 2019 और 2020 में पार्टी सांसद विनोद सोनकर से जुड़े अप्रमाणिक खातों के खिलाफ कार्रवाई की उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया था.

अप्रमाणिक खाते वो खाते होते हैं जिन्हें कौन चला रहा है इसकी सही जानकारी नहीं होती. ऐसे खाते चलाना गैरकानूनी तो नहीं है पर अनैतिक हैं. सोफ़ी जांग उस समय फेसबक में डेटा साइंटिस्ट थी और उन्होंने ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई करने का सुझाव दिया था. सितंबर 2020 में उन्होंने फेसबुक की नौकरी छोड़ी और इसके बाद व्हिसलब्लोअर की भूमिका में सामने आईं.

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टेलीग्राफ़ से बात करते हुए जांग ने कहा, “सांसद विनोद सोनकर (उत्तर प्रदेश के कौशांबी से बीजेपी सांसद) से जुड़े कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए 50-60 अनधिकृत खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था. 50 से 60 अप्रमाणिक खाते एक बहुत छोटी संख्या है. लेकिन मौजूदा सांसद से सीधे जुड़े खातों का सामने आना असामान्य प्रतिक्रिया है. पहले से ही एक टेकडाउन को मंजूरी देने के बावजूद फेसबुक ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था.”