कैसे मनाएं Ayurvedic Diwali? डॉ. के ये टिप्स सेहत के लिए हैं वरदान, कभी नहीं छू पाएंगी ये बीमारी

Ayurvedic Diwali Tips: दिवाली मनाने का इंतजार हर कोई कर रहा है। लेकिन क्या आप आयुर्वेदिक दिवाली मनाने का तरीका जानते हैं। आयुर्वेदिक दिवाली मनाने से आप ना सिर्फ प्रदूषण को मात दे पाएंगे, बल्कि मौसमी फ्लू से भी निजात पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर क्या कहती हैं।
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कैसे मनाएं Ayurvedic Diwali? डॉ. के ये टिप्स सेहत के लिए हैं वरदान, कभी नहीं छू पाएंगी ये बीमारी
सर्दी की शुरुआत और दिवाली के त्योहारों के बीच राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों की आबोहवा का रंग बदलने लगता है। बदलते मौसम का सबसे पहले असर मनुष्य के स्वास्थ्य पर पड़ता है। वहीं, दीपावली से पहले ही हवा जहरीली हो रही है। इन दिनों वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में चल रहा है।दिवाली पर कौन-सी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं?द आयुर्वेदा कंपनी की Dr. Nikhita ने बताया कि दीपावली के बाद राजधानी दिल्ली सहित आसपास के कई राज्यों के लोगों को नवंबर और दिसंबर में प्रदूषित हवा के चलते सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। एक तरफ सांस लेने में तकलीफ तो दूसरी ओर प्रदूषण और बदलते मौसम के कारण देशभर में सर्दी – जुकाम और खांसी की समस्या तेजी से लोगों में फैल रही है।

आयुर्वेद में हैं हजारों साल पुराने उपाय

Dr. Nikitha ने कहा कि आप आप बिल्कुल भी परेशान ना हों। हजारों साल पहले आयुर्वेद में बदलते मौसम से बचने के लिए बहुत से उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार आपको खानपान सहित कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जिसकी मदद से आप इस मौसम में भी बिल्कुल स्वस्थ रहेंगे।

नस्य

तिल तेल, घी या औषधीय तेल जैसे अणु तेल का उपयोग करें। इसे नाक और एक से दो बूंद नाभि में भी लगा सकते हैं। इसकी मदद से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही मददगार होती है।

हल्दी

दूध में हल्दी मिलाकर पीने और इसके साथ ही गुड़ का सेवन करने से बहुत से रोगों से बचाव होता है। दूध में हल्दी के सेवन से सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत सहित एलर्जी की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही सुबह-सुबह हल्के गर्म पानी में 1/2 टीस्पून हल्दी और 1/4 टीस्पून नमक से गरारे करें। क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मनुष्य को बदलते मौसम में होने वाले इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।

काढ़ा पिएं

बदलते मौसम और प्रदूषण के कारण बंद होने वाली नाक और गले से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए गिलोय, तुलसी, अदरक, काली मिर्च के दाने, मिश्री डालकर काढ़ा पिएं। इससे एलर्जी और सांस संबंधी समस्याओं से बचे रहने में मदद मिलती है।

क्या करें?

शरीर को ऑक्सीजन देने, मजबूत प्रतिरक्षा और श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करने के लिए नाड़ी शुद्धि / अनुलोम विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका जैसे श्वास अभ्यास सुनिश्चित करें।

कैसा खाना खाएं?

गर्म, ताजा और घर का बना खाना ही खाएं जो मौसमी फलों और सब्जियों के साथ पचने में आसान हो। बाहरी भोजन से बचें, क्योंकि इसमें परिरक्षक, संसाधित, जंक हो सकते हैं।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।