आयुर्वेद में हैं हजारों साल पुराने उपाय
Dr. Nikitha ने कहा कि आप आप बिल्कुल भी परेशान ना हों। हजारों साल पहले आयुर्वेद में बदलते मौसम से बचने के लिए बहुत से उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार आपको खानपान सहित कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जिसकी मदद से आप इस मौसम में भी बिल्कुल स्वस्थ रहेंगे।
नस्य
तिल तेल, घी या औषधीय तेल जैसे अणु तेल का उपयोग करें। इसे नाक और एक से दो बूंद नाभि में भी लगा सकते हैं। इसकी मदद से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही मददगार होती है।
हल्दी
दूध में हल्दी मिलाकर पीने और इसके साथ ही गुड़ का सेवन करने से बहुत से रोगों से बचाव होता है। दूध में हल्दी के सेवन से सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत सहित एलर्जी की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही सुबह-सुबह हल्के गर्म पानी में 1/2 टीस्पून हल्दी और 1/4 टीस्पून नमक से गरारे करें। क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मनुष्य को बदलते मौसम में होने वाले इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।
काढ़ा पिएं
बदलते मौसम और प्रदूषण के कारण बंद होने वाली नाक और गले से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए गिलोय, तुलसी, अदरक, काली मिर्च के दाने, मिश्री डालकर काढ़ा पिएं। इससे एलर्जी और सांस संबंधी समस्याओं से बचे रहने में मदद मिलती है।
क्या करें?
शरीर को ऑक्सीजन देने, मजबूत प्रतिरक्षा और श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करने के लिए नाड़ी शुद्धि / अनुलोम विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका जैसे श्वास अभ्यास सुनिश्चित करें।
गर्म, ताजा और घर का बना खाना ही खाएं जो मौसमी फलों और सब्जियों के साथ पचने में आसान हो। बाहरी भोजन से बचें, क्योंकि इसमें परिरक्षक, संसाधित, जंक हो सकते हैं।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।