माता वैष्‍णो देवी : यात्रा पर्ची की जगह नया RFID Card कैसे करेगा काम, क्‍या वापसी में लौटाना होगा? जानें सब कुछ

नई दिल्‍ली : देश-दुनिया भर से माता वैष्‍णो देवी (Mata Vaishno Devi Yatra) के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नई आरएफआईडी कार्ड सुविधा की शुरुआत हो गई है. इससे हर समय श्रद्धालु माता वैष्‍णो देवी श्राइन बोर्ड की नजर में रहेंगे. बोर्ड ने यह फैसला इसलिए लिया है कि भवन या फिर रास्ते में कोई भी आपदा आने पर यात्रियों को ढूंढने में मुश्किल न हो. इसके लिए कटरा से लेकर भवन तक तीन मार्गों पर सैंसर लगा दिए गए हैं. वहीं, 25 आरएफआईडी काउंटर खोले गए हैं. कटरा और भवन में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है.

दरअसल, माता वैष्‍णो देवी के भवन पर कई बार लैंडस्‍लाइड या फिर पहाड़ों से पत्थर गिरने व पानी आ जाने से श्राईन बोर्ड को भीड़ कंट्रोल करने में काफी दिक्‍कत आती है. इसी साल पहली जनवरी को माता के दरबार मे भगदड़ मच गई थी, जिसमे 12 के करीब लोगों की जान चली गई थी. अब हर यात्री को भगदड़ व आपदा से बचाने के लिए ये कार्ड महत्‍वपूर्ण होगा.

जानें कैसे Vaishno Devi RFID-enabled access card कैसे करेगा काम और इससे संबंधित खास बातें..

भवन तक जाने के लिए तीन एंट्री प्‍वाइंट हैं, ताराकोट, बाणगंगा और हैलीपैड.

जैसे ही आप तीनों मार्गो से यात्रा के लिए प्रवेश करते हैं, तीन जगहों पर एटींना और ट्रैकर लगे हैं.

कटरा से लेकर भवन तक 7 जगहों पर इस कार्ड की चैकिंग होगी.

25 काउटंर खोले गए है और ट्रैक पर 7 जगहों पर इस कार्ड की चैकिंग होगी.

सभी कार्ड ही स्कैन होंगे, जिससे पता चल जाएगा कौन-कौन यात्रा पर गया है.

रास्ते में चैकिंग के जरिये पता लगाया जा सकेगा कि कहीं कोई फर्जी कार्ड से यात्रा तो नहीं कर रहा है.

अगर कोई यात्री गुम होता है तो ट्रैकर के जरिये उस यात्री को आसानी से ढूंढा जा सकेगा.

वापस आने पर यह कार्ड सब्मिट करने होंगे.

ये सुविधा यात्रियों के लिए आपदा, भीड़ प्रबंधन, ट्रैकिंग में मददगार साबित होगी.