हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) के बजट सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को भी विपक्षी दल भाजपा के कड़े तेवर देखने को मिले। भाजपा शासन में खुले सैंकड़ों संस्थानों व दफ्तरों को बंद करने के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन के अंदर व बाहर जमकर हंगामा किया। विपक्ष के विधायकों ने विरोध का अनोखा रास्ता निकाला।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में भाजपा विधायकों ने गले में लोहे की चेन और ताले डालकर मुख्यमंत्री के चैंबर के बाहर हल्ला बोला। भाजपा विधायकों के इस विरोध प्रदर्शन से सत्तापक्ष उखड़ गया। विपक्षी विधायकों के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाया गया।
दरअसल, बुधवार को बजट सत्र की तीसरी बैठक चल रही है। विपक्षी विधायक लोहे की जंजीर व ताले गले में डालकर विधानसभा परिसर में दाखिल हुए। विपक्ष के विधायक सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री के चैंबर के बाहर धरने पर बैठे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने पलटवार करते हुए विपक्षी विधायकों के खिलाफ नारे लगाए। जिससे सीएम चैंबर के बाहर माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने संस्थान बंद करने के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा कर दी। 10 मिनट तक सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अपने-अपने सवाल पूछे, जबकि विपक्षी सदस्य सदन में नारे लगाते रहे।
विधानसभा अध्यक्ष से अपनी बात रखने का मौका मिलने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि संस्थानों पर तालाबंदी का प्रदेश सरकार का निर्णय सही नहीं है। इस कदम से पूरे प्रदेश में हाहाकार मची है और जनता में भारी आक्रोश है। विपक्ष का दायित्व बनता है कि वो जनहित के मुद्दों को बेहतर ढंग से रखें। जयराम ठाकुर ने कहा कि इन संस्थानों को बंद करने से पहले कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। सरकार ने बिना सोचे-समझे संस्थानों पर तालाबंदी की।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष शनिवार को मुख्यमंत्री से मिलने उनके चेंबर में गया, लेकिन सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। भाजपा विधायकों का व्यवहार गुंडागर्दी वाला रहा। सरकार हमारी आवाज को दबा रही है। ये सामान्य परिस्थिति नहीं है और इसके खिलाफ विपक्ष वाकआउट कर रहा है। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।
दूसरी तरफ सत्ता पक्ष ने विपक्ष के इस रवैये की भत्सर्ना की और सदन में निंदा प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के वाकआउट के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने निंदा प्रस्ताव लाते हुए कहा कि सदन के अंदर और बाहर भाजपा विधायकों का प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है। भाजपा विस चुनाव में मिली हार से बौखलाहट में है और उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।
सत्तापक्ष की ओर से उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, धनीराम शांडिल, जगत सिंह नेगी और संजय रत्न ने निंदा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए विपक्ष के व्यवहार की कड़ी आलोचना की।